मॉक्सी डिवाइस का मिशन पूरा : मंगल पर ऑक्सीजन बना रहा है नासा

मंगल ग्रह पर इंसान रह सकेंगे या नहीं? वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने में लगे हैं। नासा के प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। मंगल ग्रह पर नासा का मॉक्सी नाम का डिवाइस ऑक्सीजन बनाने में लगा है।

nasa rover produces | Sach Bedhadak

वाशिंगटन। मंगल ग्रह पर इंसान रह सकेंगे या नहीं? वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने में लगे हैं। नासा के प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। मंगल ग्रह पर नासा का मॉक्सी नाम का डिवाइस ऑक्सीजन बनाने में लगा है। प्रेरजरवेरेंस रोवर पर 16वीं बार सफलतापूर्वक ऑक्सीजन का उत्पादन करने के साथ अपने मिशन को पूरा कर लिया है। मंगल के वायुमंडल से ऑक्सीजन निकालना संभव है।

यह ऑक्सीजन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जरूरी हो सकती है, जो मंगल ग्रह पर भविष्य के मिशनों के लिए सांस लेने योग्य हवा और रॉकेट फ्यूल की आपूर्ति करेगी। मॉक्सी ने नासा के बेसिक टारगेट को पार कर प्रति घंटे 12 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया।

यह खबर भी पढ़ें:-G-20 Summit: बोलती तस्वीरें…कभी पाकिस्तान के करीबी था अमेरिका, अब बन गया भारत का पावरफुल

ऑक्सीजन का भंडारण संभव

भविष्य के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से सब कु छ लाने की बजाय मंगल ग्रह पर अपनी जरूरत की चीजों का उत्पादन करने के लिए मॉक्सी का उपयोग कर सकते हैं। इसने भविष्य के स्पेस एक्सप्लोरेशन के लिए अब उम्मीद पैदा कर दी है। नासा की वेबसाइट के मुताबिक अब उनका अगला कदम एक फुल-स्केल सिस्टम बनाना है, जिसमें ऑक्सीजन जनरेटर और भंडारण शामिल है।

यह खबर भी पढ़ें:-G20 Summit: पहले भी रही सुर्खियों में, अब जो बाइडेन ने लगाया गले, जानिए कौन है ये बच्ची ?

मॉलिक्यूलर ऑक्सीजन बनाता है मॉक्स

मॉक्सी एक इलेक्ट्रोके मिकल प्रोसेस की मदद से मॉलिक्यूलर ऑक्सीजन बनाता है जो मंगल के पतले वातावरण में ऑक्सीजन एटम को कार्बन डाइऑक्साइड से अलग करता है। यह सिस्टम जो भी ऑक्सीजन बनती है उसकी शुद्धता और मात्रा को मॉनिटर करता है। दरअसल, इसे भविष्य के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। ये इस टेक्नोलॉजी का पहला मिशन था, जो आने वाले समय में मनुष्यों को मंगल ग्रह पर जीवित रहने और रॉकेट फ्यूल के सोर्स के रूप में मदद कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *