बूंदी में 100 ट्रांसफार्मर मिलने के बाद मंत्री चांदना का धरना खत्म, लापरवाह अधीक्षण अभियंता पर गिरी गाज

धरने के बाद इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने एसई ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट जेपी बैरवा को एपीओ कर दिया। 

Ashok Chandna

जयपुर। खेल मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) बूंदी में बिजली और सिंचाई के पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों को राहत दिलाने को लेकर शुक्रवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए। हालांकि, धरने के बाद इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने एसई ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट जेपी बैरवा को एपीओ कर दिया। 

चांदना ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई आयोजित की थी। इसमें किसानों ने ट्रांसफार्मर और समय पर बिजली नहीं मिलने का मामला उठाया था। जनसुनवाई में जयपुर विद्युत वितरण निगम के अधिकारी चांदना के निशाने पर रहे। मीटिंग में मंत्री चांदना ने अधिकारियों पर नाराजगी जताई और बाहर निकल गए। इसके कुछ देर बाद ही वह बस स्टैंड के पास अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने पहुंच गए। जहां उनके साथ कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान भी पहुंचे।

जब तक डीपी नहीं, धरना जारी रहेगा 

चांदना ने कहा कि एक दिन, 5 दिन या 10 दिन लग जाएं , जब तक डीपी की पेंडेंसी पूरी नहीं होगी, तब तक धरना जारी रहेगा। मंत्री चांदना के साथ जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष सीएल प्रेमी, प्रदेश सचिव संदीप पुरोहित, कांग्रेस नेता जगरूप सिंह रंधावा और युवा जिला अध्यक्ष निशांत नवाल धरने पर बैठे थे। बिजली विभाग की कार्य प्रणाली से नाराज मंत्री अशोक चांदना ने तीन दिन पहले ट्वीट कर जिला कलेक्ट्रेट के घेराव की चेतावनी दे दी थी। चेतावनी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मंत्री के साथ बैठक की थी। इसमें 3 दिन में हिंडोली-नैनवां के बिजली विभाग के किसानों की सभी समस्याओं का हल करने का आश्वासन दिया गया था।

100 ट्रांसफॉर्मर तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश

मंत्री के धरने पर बैठने से यहां की बिजली समस्या पर तुरंत सुनवाई हुई। आनन-फानन में बूंदी के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद को एपीओ किया गया। मंत्री ने उक्त अधिकारी पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। एपीओ के दौरान अधिकारी को जयपुर डिस्कॉम में भेजा गया है। साथ ही मंत्री के साथ धरना दे रहे लोगों के संबंधित इलाकों में 100 ट्रांसफॉर्मर तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद मंत्री का धरना समाप्त हुआ।

चांदना का आरोप-भाजपा विधायकों की बात सुनते है अधिकारी 

चांदना का आरोप है कि डिस्कॉम के अधिकारी उनकी बात नहीं मान रहे हैं। जबकि जिले के अन्य दो भाजपा विधायकों की ज्यादा सुनवाई की जा रही हैं। चांदना ने कहा कि ट्रांसफार्मर वितरण में भेदभाव किया जा रहा हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र हिंडोली और नैनवा के लोग परेशान हो रहे हैं। एक ट्रांसफार्मर को डेढ़ महीने तक भी नहीं बदला जा रहा। चांदना ने कहा कि सीएम गहलोत किसानों को बिजली फ्री देना चाह रहे हैं, लेकिन अधिकारी उनकी योजना को पलीता लगाने में जुटे हैं। बूंदी के ट्रांसफार्मर दूसरी जगह पर भेजे जा रहे हैं। 

चांदना ने कहा कि हमारे 5 साल के काम की वाहवाही को इस एक डेढ़ महीने में खा जाओ। मैं कोई बकरी का बच्चा नहीं हूं कि मुझे खा जाओगे। इतनी जल्दी से मैं आपको खाने नहीं दूंगा। जिस दिन मैंने ट्वीट किया कि मैं धरना दूंगा, तब जिले में 799 डीपी कम थी, दो बीजेपी के विधायक बूंदी और के शोरायपाटन से हैं, लेकिन मेरे इलाके में ही 500 डीपी कम थी, जबकि उनके दोनों के इलाके में महज 300 कम थी।  

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