G20 के 2 दिन और 15 द्विपक्षीय मीटिंग… PM मोदी के साथ विदेशी मेहमानों की मुलाकात क्यों है बेहद खास?

राजधानी दिल्ली में G20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है। पीएम मोदी दो दिनों में 15 द्विपक्षीय बैठकें करने वाले हैं।

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 नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में G20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है। पीएम मोदी दो दिनों में 15 द्विपक्षीय बैठकें करने वाले हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार शाम को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक सहित कई मुद्दों पर बात हुई। बैठक में अमेरिका की ओर से अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन, विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भी मौजूद थे। वहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे।

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मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मित्रता वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती रहेगी। उन्होंने कहा, बैठक ‘बहुत सार्थक’ रही, भारत एवं अमेरिका के बीच आर्थिक, दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के विषयों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही जो बाइडेन ने एक्स पर कहा, ‘मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। दोनों देशों में साझेदारी और मजबूत होगी।’ यह मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाइडेन के शुक्रवार शाम नई दिल्ली पहुंचने के तत्काल बाद हुई। इसके अलावा मॉरिशस और बांग्लादेश के साथ भी द्विपक्षीय बातचीत हुई।

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दो दिन तक पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन से इतर 15 द्विपक्षीय बैठकें करने वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बैठक में भारत और अमेरिका के बीच अहम समझौते हुए। साथ ही, G20 समिट की बैठकों से पहले सहमति बनाने की दिशा में अहम पहल हुई। पीएम मोदी आज ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और इटली के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों के अलावा जी20 के सत्रों में शामिल होंगे। रविवार को पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ दोपहर के भोजन पर बैठक करेंगे। लेकिन, क्या आपको पता है कि विदेशी मेहमानों के साथ होने वाली हर बैठक अपने आप में बेहद खास है।

जानें-क्यों खास है विदेशी मेहमानों के साथ मीटिंग?

रोहिंग्या सहित कई मुद्दों पर भारत और बांग्लादेश आपसी सहमति बनाने की कोशिश में हैं, ऐसे समय बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ पीएम मोदी ने बैठक की है। वहीं, फ्रांस के प्रेजिडेंट मैंक्रों के साथ बैठ ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के रक्षा संबंध अब तक के सर्वोच्च शिखर पर हैं। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के साथ मोदी की मीटिंग तब हो रही है, जब वहां अलगाववादियों को तरजीह के मुद्दे पर दोनों देशों में तल्खी रही है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ बैठक इसलिए अहम है कि एक बार निर्वाचित होने के बाद वह मुस्लिम देशों के बीच अगुआ बनने की कोशिश कर रहे हैं। भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई के साथ रेलवे कोरिडोर बनाने की दिशा में बड़ी घोषणा हो सकती है। इसे चीन को काउंटर करने का कदम माना जा रहा है।

चीन की विस्तारवादी नीतियों से प्रभावित है भारत और जापान

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ मोदी की बैठक इसलिए अहम है कि दोनों ही देश चीन की विस्तारवादी नीतियों से प्रभावित रहे हैं। ये दोनों मिलकर चीन को संदेश दे सकते हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ पीएम की द्विपक्षीय बातचीत होगी। ऐसे समय जब सऊदी अरब ने कूटनीत में बदलाव का संकेत दिया, यह मुलाकात बेहद अहम होगी। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ मोदी की मीटिंग में तकनीक और शिक्षा के मोर्चे पर कई अहम समझौते हो सकते हैं। इस लिहाज से बैठक बेहद महत्वपूर्ण है।

सुनक के साथ मोदी की मीटिंग मौजूदा ग्लोबल ऑर्डर में अहम

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ मीटिंग इसलिए अहम है कि भारत अब G20 अध्यक्षता की कमान इस लैटिन अमेरिकी देश को सौंपेगा। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ मोदी की मीटिंग मौजूदा ग्लोबल ऑर्डर में अहम है, क्योंकि दोनो देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर गतिरोध बना हुआ है। इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ हाल-फिलहाल में मोदी की यह दूसरी द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है। पिछली बार मेलोनी ने मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में एक बताया था। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद के साथ बैठक में मोदी खाड़ी देशों के साथ रिश्ते को मजबूत करने की मुहिम को और बढ़ा सकते हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नॉलजी हब बनने की कोशिश में भारत

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के साथ बैठक ऐसे समय हो रही है जब चीन के समानांतर भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नॉलजी हब बनने की कोशिश कर रहा है। यूरोपीय यूनियन के प्रमुख चार्ल्स मिशेल के साथ मोदी की बातचीत इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसके साथ भारत के रिश्ते नरम-गरम से रहे हैं। बैठक में संबंधों को स्थिरता लाने की कोशिश होगी। नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू के साथ मोदी की मीटिंग ऐसे समय में होगी, जब भारत अफ्रीकी देशों की सबसे मुखर आवाज बनकर सामने आया है।

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