PFI In Rajasthan : राजनीति से जुड़ा है राजस्थान PFI के मुखिया आसिफ का परिवार

PFI In Rajasthan : टेरर फंडिंग और आतंकी कनेक्शन के मामले में NIA ने पिछले दिनों पूरे देश में कार्रवाई की थी। PFI पर कार्रवाई…

NIA Raid On Rajsthan PFI

PFI In Rajasthan : टेरर फंडिंग और आतंकी कनेक्शन के मामले में NIA ने पिछले दिनों पूरे देश में कार्रवाई की थी। PFI पर कार्रवाई के दौरान राजस्थान PFI के मुखिया मोहम्मद आसिफ को केरल से गिरफ्तार किया था। वहीं बारां से SDPI के अध्यक्ष सादिक सर्राफ को दबोचा था। इन दोनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत कोर्ट ने 27 सितंबर तक बढ़ा दी है। बता दें कि बीते शुक्रवार NIA की जयपुर कोर्ट में दोनों आरोपियों को पेश किया था। जहां से इनकी रिमांड बढ़ाने का फैसला सुनाया गया था।

सांगोद का रहने वाला है आसिफ, पिछले 4 साल से जयपुर में सक्रिय

गौरतलब है कि बीते गुरूवार NIA-ED ने पूरे देश के लगभग 15 राज्यों में कट्टर इस्लामिक संगठन PFI के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें पूरे देश से 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। राजस्थान PFI (PFI In Rajasthan) का मुखिया आसिफ मिर्जा केरल से पकड़ा गया था। आसिफ कोटा के सांगोद का रहने वाला है। NIA की टीम सांगोद में उसके आवास पर छापा मारने पहुंची थी लेकिन वह वहां नहीं मिला। आसिफ के भाई से NIA ने पूछताछ की तो पता चला कि वह PFI के गढ़े केरल में है। जिसके बाद केरल में छापेमारी कर रही टीम को इसकी जानकारी दी गई। तब जाकर आसिफ NIA के हत्थे चढ़ा।

Rajasthan PFI

राजनीति से जुड़ा हुआ है आसिफ का परिवार

NIA की जांच में पता चला है कि आसिफ मिर्जा (PFI In Rajasthan) का पूरा परिवार ही राजनीति में सक्रिय है। आसिफ के पिता कई बार कांग्रेस पार्टी से कई बार पार्षद रहे थे। अब उनका निधन हो चुका है। लेकिन अब आसिफ की मां रईसा बेगम कांग्रेस पार्टी से नगर पालिका पार्षद है। जानकारी के मुताबिक आसिफ पिछले 4 सालों से अपनी पच्नी और बच्चों के साथ जयपुर में रह़ रहा है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला आसिफ PFI में शामिल हो गया था और कई पदों पर उसने काम किया। फिर उसे राजस्थान PFI का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वह सांगोद भी कभी-कभार ही जाता था।

सांप्रदायिक दंगों के लिए फंडिंग करता है PFI

पिछले 4 महीनों में देश के अलग-अलग राज्यों में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच में सामने आया है  कि इन दंगों को कराने के लिए PFI फंडिंग देता था। इसकी पुष्टि राजस्थान के करौली दंगे, जोधपुर दंगे में तो यूपी में हुए कानपुर दंगे में हुई है। इसके अलावा दूसरी घटनाओं पर नजर डालकर देखें तो कर्नाटक में उपजे हिजाब मामले में भी PFI की सक्रियता सामने आई है। साल 2019-2020 में दिल्ली के शाहीन बाग मामले को लेकर तो पूरे देश में हिंसा भड़क गई थी। उसकी जांच में भी PFI का नाम आया था। दिल्ली में PFI का मुख्य कार्यालय शाहीन बाग में ही है। यही नहीं राजस्थान के उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में भी PFI कनेक्शन की पुष्टि हुई थी।

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