वैज्ञानिकों ने आइंस्टीन के सिद्धांतों को भी दे डाली चुनौती, ब्लैक होल की डार्क एनर्जी को लेकर किया दावा  

लंदन। दुनियाभर के वैज्ञानिक मान चुके हैं कि एक विशाल ब्लैक होल कुछ भी निगलकर खत्म कर सकता है। हालांकि, अब कुछ वैज्ञानिकों ने ब्लैक…

Scientists also challenged Einstein's theory, claiming dark energy of black hole

लंदन। दुनियाभर के वैज्ञानिक मान चुके हैं कि एक विशाल ब्लैक होल कुछ भी निगलकर खत्म कर सकता है। हालांकि, अब कुछ वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल्स पर किए नए शोध के आधार पर दावा किया है कि कई आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाने वाले यही विशाल ब्लैक होल ब्रह्मांड के विस्तार के कारणों से पर्दा उठा सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रह्मांड लगातार और तेजी से विस्तार कर रहा है। इसकी वजह ब्लैक होल और उसके अंदर बनने वाली डार्क एनर्जी में छिपी है। वैज्ञानिकों ने यूनिवर्स के बहुत बड़े रहस्य से पर्दा उठा दिया है। 

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पहली बार कब ढूंढी गई थी डार्क एनर्जी 

नए शोध के पक्ष में खड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्लैक होल में बनने वाली में ब्रह्मांड को जोड़कर रखने का रहस्य छिपा हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पहली बार 1990 के दशक के अंत में डार्क एनर्जी का प्रस्ताव दिया था। तब दूर के सितारों के मापन से पता चला था कि ब्रह्मांड का विस्तार तेज हो रहा था। खोज ने खगोलविदों के सामने एक सवाल खड़ा कर दिया कि जब गुरुत्वाकर्षण विस्तार को धीमा कर रहा है, तो इसे तेजी से क्या चला सकता है?

चुनौती आइंस्टीन के सिद्धांत को 

इस नई खोज ने दुनिया महान वैज्ञानिकों में एक अल्बर्ट आइंस्टीन के सिद्धांतों को भी चुनौती दे डाली है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ब्लैक होल के अंदर बनने वाली डार्क एनर्जी खत्म नहीं होती है। ब्लैक होल डार्क एनर्जी का स्रोत है। ये सितारों के ब्लैक होल के निगलने, टूटने और खत्म होने के दौरान पैदा होती है। हालांकि, कुछ वैज्ञानिक इस थ्योरी से असहमत भी हैं। उनका कहना है कि ब्लैक होल और डार्क एनर्जी को जोड़कर पेश करना जल्दबाजी होगी।

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