City Park : लंदन के सेंट जेम्स पार्क से भी बड़ा…1200 मीटर लंबी नहर, आज से घूम सकेंगे आमजन

कोचिंग सिटी को पर्यटन सिटी बनाने के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर कोटा में विकसित किए गए सिटी पार्क में आज से आमजन को प्रवेश दिया जाएगा।

city park Kota

City Park : कोटा। कोचिंग सिटी को पर्यटन सिटी बनाने के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर कोटा में विकसित किए गए सिटी पार्क में आज से आमजन को प्रवेश दिया जाएगा। उद्घाटन के बाद आमजन के लिए इस पार्क को खोला जा रहा है।

न्यास सचिव मानसिंह मीणा ने बताया कि लोग दोपहर 12 से रात 10 बजे तक पार्क में घूम सकेंगे। पार्क में जाने के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपए एंट्री फीस रखी गई है। जबकि आईडी दिखाने पर स्टूडेंट्स को 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। इस पार्क में स्टूडेंट्स व पर्यटकों के लिए प्ले जोन और फूड एरीना भी बनाया गया है।

नॉलेज इज फ्रीडम नामक मूर्ति बनाई गई है। यहां एक एम्फी थिएटर भी बनाया जा रहा है, ताकि नाटकों और दूसरे रचनात्मक आयोजन हो सकें। इस पार्क के 72 प्रतिशत क्षेत्र में सघन पेड़ पौधे हैं जबकि 16 प्रतिशत क्षेत्र में तालाब और नहरों का मनमोहक नजारा मन को सुकून देता है। लोगों को बेहतर सेहत के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ओपन जिम भी यहां बनाया गया है।

city park Kota | Sach Bedhadak

पार्क में म्यूजिकल फॉउन्टेंस के साथ काइनेटिक रोटरी है जो वैज्ञानिक आधार पर बनाई गई है। इस पूरे पार्क में करीब 15 हजार बड़े पेड़ और 50 हजार पौधे लगाए गए हैं। यहां एक बॉटनिकल गार्डन भी शामिल हैं। इसमे 200 तरह के विभिन्न प्रजातियों के खुशबूदार और रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं। 

लंदन के सेंट जेम्स पार्क से भी बड़ा है पार

सिटी पार्क लंदन के सेंट जेम्स पार्क (58 एकड़) से भी बड़ा पार्क है। इसे करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से 71 एकड़ में तैयार किया गया है। यहां का नजारा लंदन या यूरोप के किसी पार्क से कम नहीं दिखता। पार्क के बीचों-बीच 1200 मीटर लंबी एक नहर गुजर रही है। एक आर्टिफिशियल गुफा और कांच से बने ग्लास हाउस में लोग कॉफी का मजा ले सकेंगे।

गोल्फ कार्ट पर बैठकर पार्क घूम की सैर करने की व्यवस्था भी है। एक पॉइंट पर टिके उल्टेपिरामिड पर ओपन थियेटर की तरह प्रोग्राम देख सकें गे। इस पार्क को ‘नेचुरल ऑक्सीजन फैक्ट्री’ भी कहा जा रहा है। क्योंकि यहां लगाए 2 लाख से ज्यादा पेड़ 8 किलोमीटर तक शहरवासियों को शुद्ध ऑक्सीजन मिल सकेगी।

यहां मॉर्निंग-इवनिंग वॉक और बच्चों के खेलने के अलावा स्टूडेंट्स शांत माहौल में पढ़ाई कर सकते हैं। पक्षियों के आराम के लिए ‘एग शेप’ का बंगला भी बनाया गया है। इसे ‘ऑक्सीजोन सिटी पार्क’ नाम दिया गया है।

पहला पार्क जहां 1200 मीटर लंबी नहर

हरियाली के साथ-साथ यहां सबसे ज्यादा आकर्षक पार्क के बीचों-बीच गुजरने वाली 1200 मीटर लंबी नहर है। इसी नहर से पेड़ पौधों को पानी दिया जाने का सिस्टम विकसित किया गया है। पार्क के मध्य में एक तालाब भी बनवाया गया है। तालाब के अलावा डक पोंड भी अलग से दिया है।

तालाब में 24 घंटे पानी की सप्लाई के लिए यूआईटी ने पानी की टंकी का निर्माण करवाया है। पार्क में ज्यादातर हिस्सों में फलदार, छाया वाले और सजावटी पेड़पौधे लगाए गए हैं, जिससे ऑक्सीजन ज्यादा से ज्यादा तैयार हो सके।

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