खुशनुमा मौसम के बाद जलधारा में पर्यटकों की आवक बढ़ी, मगर सुविधाएं नहीं

ओटीएस चौराहे के पास बनी जलधारा में इन दिनों खुशनुमा मौसम के बाद पर्यटकों की आवक तो बढ़ी है, मगर सुविधाएं नहीं।

jaldhara jaipur

(निरंजन चौधरी): जयपुर। ओटीएस चौराहे के पास बनी जलधारा में इन दिनों खुशनुमा मौसम के बाद पर्यटकों की आवक तो बढ़ी है, मगर सुविधाएं नहीं। यहां आने वाले पर्यटक कोरोना से पहले जैसी व्यवस्थाएं नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। सच बेधड़क ने बुधवार को यहां की व्यवस्थाएं जानीं और पर्यटकों से बातचीत की तो पता चला कि यहां सुविधाएं बढ़ाने का हवाला देकर टिकट की कीमत तो बढ़ा दी गई, मगर यहां अभी भी सुविधाओं का अभाव है। दूसरी तरफ यहां घूमने आए अधिकतर पर्यटकों से बातचीत में सामने आया कि यहां कोरोना से पहले निरंतर चलने वाले फव्वारों में से अधिकतर तो बंद हैं। इसके अलावा यहां पहले की बराबर सफाई व्यवस्था भी नहीं है।

कोरोना में बंद किए जाने से पहले निरंतर बहते रहने वाला पानी भी एक ही जगह ठहर गया है, जिस वजह से वहां आस-पास बदबू आ रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों जेडीए की ओर से यहां करीब 80 लाख का खर्चा कर इसका रिनोवेशन कार्य करवाया गया था, इसके बाद इसे प्राइवेट फर्म को ठेके पर दिया गया, इसमें रख- रखाव की जिम्मेदारी फर्म की है। फर्म की तरफ से टिकट चार्ज को 10 से बढ़ाकर 15 रुपए कर दिया गया। हालांकि यहां शीतल वातावरण पर्यटकों को खूब भा रहा है। यहां आने वाले कई पर्यटकों ने जलधारा प्रशासन को सुझाव भी दिया है कि अगर यहां आगामी दिनों में खुशबू वाले फूल के पौधे लगाए जाए तो यहां की खूबसूरती तो बढ़ेगी ही इसके अलावा यहां पर्यटकों को खुशबू भी मिल सकेगी। 

jaldhara jaipur : जानें-किसने क्या कहा?

व्यवस्थापक सुनील चौधरी का कहना है कि यहां सफाई समेत कई काम चल रहे हैं जो जल्द ही पूरे हो जाएंगे। यहां बारिश के मौसम की वजह से बदबू जैसी समस्या आम है। जल्द से जल्द यहां पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। पर्यटक भरतलाल मीणा ने कहा कि साफ-सफाई के मामले में जलधारा पहले अधिक अच्छी थी। मैं यहां कोरोना से पहले घूमने आया था, हालांकि यहां रिनोवेशन के बाद कुछ अधिक बदलाव नजर नहीं आ रहा है। यहां के वल एक नया स्कल्पचर लगाया गया है। पर्यटक कंचन गहलोत ने कहा कि जलधारा जगह काफी सुन्दर है, मगर यहां के पानी से आ रही बदबू रंग में भंग डालने जैसी है। इसके अलावा यहां की सुदं रता को चांद लगाने वाले फाउंटेनों में से कई बंद हैं। यहां पानी के ठहराव को सही किया जाए, जिससे आ रही बदबू की समस्या से निजात पाई जा सके। पर्यटक आयुषी ने कहा कि मैं आर्किटेक्ट विषय की स्टूडेंट हूं। मेरे अनुसार जलधारा प्रोजेक्ट बहुत अच्छा है, मगर यहां जैस्मिन समेत कई प्रकार के खुशबू के पौधे लगाए जाने चाहिए जो यहां पूरी जलधारा में खुशबू फैला सकें। प्रशासन को अव्यवस्थाओं को  सुधारना चाहिए।

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