RU में सिंडिकेट मीटिंग पर बवाल, NSUI और ABVP का जबरदस्त प्रदर्शन, भारी पुलिस बल तैनात

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय आज पुलिस छावनी बन गया है। दरअसल यहां पर आज सिंडिकेट बैठक हो रही है। लेकिन इसके विरोध में आज ABVP, NSUI…

RU में सिंडिकेट मीटिंग पर बवाल, NSUI और ABVP का जबरदस्त प्रदर्शन, भारी पुलिस बल तैनात

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय आज पुलिस छावनी बन गया है। दरअसल यहां पर आज सिंडिकेट बैठक हो रही है। लेकिन इसके विरोध में आज ABVP, NSUI समेत कई संगठन विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करते हुए ABVP औऱ NSUI में जोरदार झड़प भी हो गई। जबरदस्त हंगामें को देखते हुए परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इस प्रदर्शन में ABVP, NSUI, हॉस्टल के छात्र, एमफिल स्टूडेंट, संविदाकर्मी और शिक्षक शामिल हैं।  

बता दें कि सुबह 11 बजे से सिंडिकेट की मीटिंग हो रही है। लेकिन छात्रों का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। ABVP और NSUI दोनों छात्र संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आलम यह है कि वीसी सचिवालय के बाहर बेरिकेडिंग लगाकर छात्रों का रोकने का प्रयास किया जा रहा है। ABVP लगातार वीसी मुर्दाबाद..RU प्रशासन मुर्दाबाद…पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं।

इसलिए हो रहा है विरोध

बता दें कि यह विरोध पीएचडी प्रवेश परीक्षा में साक्षात्कार के अंक जोड़ने के कारण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं एमफिल के छात्रों को सीधे पीएचडी में प्रवेश के लिए भी मांग उठाई जा रही है। तो भाभा हॉस्टल के छात्र अपने असिस्टेंट वार्डन को हटाने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं। भाभा हॉस्टल के छात्रों में सिंडिकेट सदस्य अमीन कागजी को ज्ञापन दिया है।

कागजी ने कहा- यह मामला राजनीति से प्रेरित

इधर सिंडिकेट मीटिंग के सदस्य और विधायक अमीन कागजी ने कहा है कि वाइस चांसलर का जो विरोध हो रहा है इस पर चर्चा की जाएगी। इतने जबरदस्त विरोध का एक नजरिया यह समझ में आता है कि यूनिवर्सिटी के हर काम को राजनीति के रूप में देखा जाता है। आज बस लोग यहीं सुनना देखना चाहते  हैं कि आज विश्वविद्यालय में क्या हो रहा है। यह शिक्षा का मंदिर है। यह छात्र-छात्राएं शिक्षा लेने आते हैं। लेकिन इन पॉलिटिकल लोगों ने इस मंदिर को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। जिसके मैं सख्त खिलाफ हूं। कागजी ने कहा कि अगर छात्रों के हित में वीसी ने कुछ गलत फैसले लिए हैं तो सिंडिकेट के संज्ञान में आने के बाद उन्हें बदल दिया जाएगा, लेकिन इस पर पहले पूरी जांच-पड़ताल और चर्चा होगी।

संविदा पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने पर विरोध

इधर प्रदर्शन कर रहे विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारी अपने को संविदा पर ठेके पर लगाने का लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम यहां कई सालों से काम कर रहे हैं।  लेकिन विश्वविद्यालय ने हमारा वेतन और पेंशन सही ढंग से नहीं दिया है।

(इनपुट- श्रवण भाटी)

यह भी पढ़ें- सेकेंड ग्रेड टीचर पेपर लीक : आयोग प्रबंधन के विरोध में उतरी भाजपा और RLP

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *