सरपंच महापड़ाव : रमेश मीणा के खिलाफ सरपंचों का मोर्चा , रमेश मीणा ने कहा- जांच करा लें, झूठा निकला तो दे दूंगा इस्तीफा

जयपुर। पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा को हटाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान सरपंच संघ के आह्वान पर प्रदेश भर के सरपंचों का महापड़ाव…

sarpanch 4 | Sach Bedhadak

जयपुर। पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा को हटाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान सरपंच संघ के आह्वान पर प्रदेश भर के सरपंचों का महापड़ाव शुरू हुआ था। लेकिन मंत्री को हटाने की मांग पर सरपंचो में ही दो गुट बन गए। महापड़ाव में नौबत हाथापाई तक आ गई थी। पुलिस ने दोनों गुटों को अलग किया और हल्का बल प्रयोग करते हुए मौके से खदेड़ा। इसके बाद सरपंच संघ प्रतिनिधिमंडल ने पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की।

डोटासरा ने कहा था कि सभी मांगे वित्त और मुख्यमंत्री से जुड़ी हुई है। समाधान किया जाएग, लेकिन मंत्री के इस्तीफे की मांग वाजिब नहीं है। डोटासरा से सरपंच आज फिर बात करेंगे। सरपंचो के इस आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीसीसी अध्यक्ष को वार्ता कर समाधान के निर्देश दिए थे। जिलाध्यक्ष मैहर सिंह ने बताया कि सरपंचों का महापड़ाव जारी है।

जांच करा लें, अगर झूठ बोला तो इस्तीफा दे दूंगा- रमेश मीणा

मामले को लेकर पंचायती राज मंत्री मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पंचायत विकास की पहली कड़ी है। सरपंच चुनकर आते हैं। उनके खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला है। उनकी जो मांगे थीं, वो लगभग पूरी कर दी। अब कुछ लोग सोचते हैं कि सरपंच बन गए अब एमएलए कैसे बनें। इसलिए मंत्री को कैसे हटाएं, इस पर लगे हुए हैं। नागौर, बाड़मेर या जहां भी दौरा किया है अनियमितताएं पाई गई हैं। कई जगहों पर धरातल पर काम नहीं है। इसलिए करवाई के निर्देश दिए थे। सरपंच के खिलाफ कोई शब्द नहीं कहा।

यदि मैने कुछ गलत कहा है तो सरपंच डर क्यों रहे हैं। जाँच करा लें, किसी भी एजेंसी से। यदि मैंने असत्य बोला है तो मैं स्वयं
मुख्यमंत्री को इस्तीफा दंगा। लेकिन, सरपंचों को डर की किसी नरेगा को लेकर भारत सरकार के जो नियम है उसके अनुसार काम नहीं हुआ और उनके खिलाफ करवाई हो सकती है। इसलिए अपने बचाव और राजनीति के लिए सरपंच विरोध कर रहे हैं।

ये है प्रमुख मांगें

1- गलत आरोप पर मंत्री रमेश मीणा पर करवाई की जाए और इस्तीफा दें
2- टेंडर प्रक्रिया तीन कोटेशन से सामग्री खरीद की अनुमति के संशोधन आदेश जारी करें
3- एनजीओ द्वारा ऑडिट जांच बंद करने और सामाजिक अंके क्षण ब्लॉक संसाधन ग्राम संसाधन द्वारा पहले की तरह जांच की व्यवस्था कराई जाए
4- मनरेगा सामग्री मध्य का बकाया भुगतान सात दिवस में जारी करवाया जाए
5- वित्त आयोग की बकाया राशि जारी करवाने
6- मनरेगा योजना में मस्टरोल जारी करने का अधिकार ग्राम पंचायत स्तर पर दिए जाएं
7- ई पंचायत में भुगतान प्रक्रिया सरलीकरण की जाए
8- जन आधार ओटीपी प्रक्रिया बंद की जाए समेत 31 मांगें शामिल हैं।

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