Jaipur : SMS में अनदेखी का आलम, तीन नई स्टरलाइजेशन मशीनें पड़ी हैं खराब, OT औजारों पर संक्रमण का वार

Jaipur : प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में जिम्मेदारों की लापरवाही का आलम यह है कि चार-चार स्टरलाइजेशन मशीनें हाेने के बाद भी ऑपरेशन…

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Jaipur : प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में जिम्मेदारों की लापरवाही का आलम यह है कि चार-चार स्टरलाइजेशन मशीनें हाेने के बाद भी ऑपरेशन थिएटर के औजार पूर्णरूप से संक्रमण रहित नहीं हो पा रहे हैं। वजह यह है कि चार में से तीन मशीनें, जो कि नई लाई गई थी खराब हो चुकी हैं। एक चालू हालत में है वह दशकों पुरानी होने के कारण धुआं छोड़ रही है। एक्सपर्ट और ऑटोक्लेव मशीनों पर काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो मशीन से इस तरह भाप नहीं निकलनी चाहिए। इस तरह भाप निकलने से सही टेम्परेचर मेंटेन नहीं होता है, इसके चलते औजार स्टरलाइज्ड नहीं हो पाते हैं। खराब मशीन से स्टरलाइजेशन सिर्फ औपचारिकता है। अस्पताल प्रशासन की यह लापरवाही मरीजों के लिए जान का खतरा तो बनी हुई ही है, चिकित्सा स्टाफ के स्वास्थ्य के लिए भी भारी साबित हो रही है।

क्या काम करती है आटोक्लेव मशीन

अस्पतालों में ओटी में काम आने वाले उपकरणों को काम में लेने से पहले संक्रमण मुक्त करना जरूरी होता है। एसएमएस अस्पताल में डीजीएम डबल डोर आटोक्लेव मशीन लगी हुई है। इस पर ओटी में काम आने वाले उपकरणों को पहली बार या दोबारा काम में लेने से पहले उन्हें संक्रमण मुक्त करने के लिए स्टरलाइजेशन किया जाता है।अस्पताल में रोजाना हजारों की संख्या में उपकरण काम आने पर मशीन से उपकरण स्टरलाइजेशन करने के लिए मानक तय किए गए हैं। उन पर ही यह ऑपरेटिंग की जाती है। एसएमएस की आटोक्लेव मशीन में 121 डिग्री सेल्सियस पर उपकरणों को रखकर करीब 20 मिनट तक का स्टरलाइज किया जाता है। इसके बाद 10 मिनट इन्हें सुखाया जाता है।

संक्रमण का खतरा, प्रशासन का ध्यान नहीं

सवाई मानसिंह अस्पताल में स्टरलाइजेशन मानकों के अनुसार नहीं हो रहा है। पुरानी मशीन से भाप निकलने के कारण संक्रमण का खतरा अब बढ़ता जा रहा है। मरीजों को लगने वाले इन उपकरणों को सही मानकों को पर स्टरलाइजेशन नहीं होने से मरीज संक्रमण के खतरे पर है। यूरोलॉजी भवन में करोड़ों की दो नई मशीनें मेंटीनेंस के अभाव में धूल फांक रही है और दशकों पुरानी मशीन से सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। कर्मचारियों ने अस्पताल प्रशासन को कई बार लिखकर अवगत करवा दिया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

इस मामले में एसएमएस के अधीक्षक डॉ.अनिल दुबे ने कहा कि वैसे सभी ओटी में अलग से ऑटोक्लेव मशीन है। वहीं, तीन जो नई मशीन बंद है उनके लिए कंपनी का पेमेंट का कुछ हिस्सा रोक रखा है, क्योंकि वह मेंटीनेंस नहीं कर पा रही है। पुरानी मशीन सब काम कर रही हैं।

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