RPSC पेपर लीक : 16 आरोपी समेत सभी 62 आरोपी डिबार, अब लिस्ट भी होगी सार्वजनिक, दूसरे संस्थानों में होगी शेयर

RPSC पेपर लीक : वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद राजस्थान लोकसेवा आयोग अब आरोपियों पर डिबार की कार्रवाई करेगा। आयोग…

RPSC पेपर लीक : 16 आरोपी समेत सभी 62 आरोपी डिबार, अब लिस्ट भी होगी सार्वजनिक, दूसरे संस्थानों में होगी शेयर

RPSC पेपर लीक : वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद राजस्थान लोकसेवा आयोग अब आरोपियों पर डिबार की कार्रवाई करेगा। आयोग ने पहले ही बस में परीक्षा देते परीक्षार्थियों पर डिबार की कार्रवाई करने का ऐलान किया था। पेपर आयोजित होने से अब तक 8 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए हैं। अब आयोग ने इन 8 फर्जी अभ्यर्थियों को विवर्जित करने का फैसला तो लिया ही है इसके साथ ही आयोग इनके असली परीक्षार्थियों पर भी डिबार की कार्रवाई करेगा।

46 अभ्यर्थियों पर पहले डिबार करने की हो चुकी हैं घोषणा

RPSC सचिव एचएल अचल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 21 दिसंबर से आयोजित इस परीक्षा में अब तक 8 डमी परीक्षार्थी पकड़े गए हैं। इनमें भरतपुर से एक, झुंझुनूं से एक, जोधपुर में दो, उदयपुर में 4 अभ्यर्थी शामिल हैं। जब ये लोग परीक्षा देने के लिए केंद्र पहुंचे थे तो वहां की कड़ी सुरक्षा के चलते इन्हें पकड़ लिया गया था। अब इन पर डिबार की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि आयोग ने बस में परीक्षा दे रहे 46 अभ्यर्थी पर डिबार की कार्रवाई करने की घोषणा पहले ही कर दी थी।

सभी 62 आरोपियों की सूची होगी सार्वजनिक, दूसरे संस्थानों में भी भेजी जाएंगी

इसके अलावा सचिव एच एल अटल ने यह भी कहा कि इन 16 लोगों और बस में परीक्षा देते पकड़े गए 46 लोगों की एक सूची सार्वजनिक की जाएगी। इन 62 लोगों का डेटा देश के दूसरे संस्थानों में भी भेजा जाएगा, जिससे भविष्य में ये आरोपी किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा कर अन्य संस्थान में न तो परीक्षा दे सकें न ही प्रवेश पा सकें।

नकल गिरोहों के विरुद्ध लगेगा एनएसए

दूसरी तरफ अब इन नकल गिरोह पर NSA भी लग सकता है। दरअसल महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने बीते 24 दिसंबर को बताया था कि नकल कराने का प्रयास करने वालों के रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा और इन तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। नकल कराने में लिप्त आपराधिक तत्वों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही करने पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि नकल कराने वाले गिरोहों में शामिल अपराधियों की संपत्ति भी जब्त करने के लिए पासा कानून में संशोधन सुझाया जा रहा है। पासा कानून के अनुसार व्यक्ति को बिना किसी सार्वजनिक प्रकटीकरण के एक वर्ष तक की अवधि के लिए हिरासत में रखा जा सकता है।

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