लोकसभा में 5 साल बाद फिर लौटा ‘अविश्वास’ का जिन्न! फिर वन मैन आर्मी साबित होंगे PM मोदी

कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी।

PM Modi

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी। लेकिन सरकार ने कहा है कि जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर पूरा विश्वास है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करेंगे,

हालांकि कांग्रेस का कहना है कि इस पर गुरुवार से ही चर्चा होनी चाहिए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की ओर से सामूहिक तौर पर लाया गया है।

यह खबर भी पढ़ें:-सहकारी समितियां संशोधन विधेयक-दीपावली तक देश में नई सहकारी नीति लाएगी सरकार: अमित शाह

आज से ही शुरू हो चर्चा: मनीष तिवारी

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संवाददाताओंसे कहा, हमारा आग्रह है कि लोकसभा अध्यक्ष को प्राथमिकता के आधार पर इस प्रस्ताव को लेना चाहिए और इस पर गुरुवार को ही चर्चा आरंभ होनी चाहिए तथा जल्द से जल्द मतदान होना चाहिए। लोकसभा की परंपरा रही है कि जब भी यह प्रस्ताव आता है तो बाकी सारे कार्यों को रोककर इस पर चर्चा होती है।

मणिपुर मुद्दे पर घेरने के लिए अविश्वास प्रस्ताव

अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है, लेकिन विपक्ष की दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे और जनता के बीच धारणा बनाने के लिहाज से सरकार को मात देने में सफल रहेंगे। अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए 50 सदस्यों का समर्थन जरूरी है।

नौ साल में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव

विगत नौ वर्षों में यह दसू रा अवसर होगा जब मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। इससे पहले, जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट दिया था।

सरकार को कोई खतरा नही

इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से भाजपा के पक्ष में है। लोकसभा की 543 सीट में से पांच अभी रिक्त हैं। इनमें से 330 से अधिक सांसद भाजपा और राजग के अन्य घटक दलों के हैं। कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के उसके साथी दलों के सदस्यों की संख्या 140 से अधिक है। करीब 60 सांसदों का संबंध उन दलों से है जो दोनों गठबंधनों का हिस्सा नहीं है।

यह खबर भी पढ़ें:-मेरठ में मणिपुर जैसी दर्दनाक घटना! किशोरी को चार युवकों ने निर्वस्त्र दौड़ाया, कपड़ों के लिए चीखती रही

लोगों को पीएम पर पूरा विश्वास: जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश के लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर पूरा विश्वास है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के पिछले कार्यकाल में भी यही किया था और जनता ने उसे सबक सिखाया था। इस बार फिर देश की जनता इन लोगों को सबक सिखाएगी। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए, सरकार तैयार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *