फिर बनेगा सुपर महाद्वीप? वैज्ञानिकों की नई थ्योरी ने डराया…धरती से ऐसे होगा इंसानों का सामूहिक विनाश!

भयावह अतीत है कि अंतरिक्ष से गिरे एक विशाल उल्कापिंड ने धरती से डायनासोर का पूरी तरह से खात्मा कर दिया था, लेकिन इंसानों के खात्मे को लेकर एक नई थ्योरी दी गई है।

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लंदन। भयावह अतीत है कि अंतरिक्ष से गिरे एक विशाल उल्कापिंड ने धरती से डायनासोर का पूरी तरह से खात्मा कर दिया था, लेकिन इंसानों के खात्मे को लेकर एक नई थ्योरी दी गई है। अब वैज्ञानिकों ने एक भयावह भविष्यवाणी कर डाली है कि 25 करोड़ वर्षों में एक नए सुपर महाद्वीप का निर्माण इंसानों और अन्य स्तनधारियों का खात्मा कर देगा।

यूके में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सुपर कंप्यूटर के जरिए भविष्य के जलवायु मॉडल को बनाया। उन्होंने इसका नाम पैंजिया अल्टिमा रखा है। वैज्ञानिकों ने मॉडल के जरिए पता लगाया है कि आखिर महाद्वीपों के मिलने से जलवायु चरम सीमा तक कैसे और कितनी तेज होगी।

तापमान 40-50 डिग्री हो जाएगा तापमान

इससे जुड़ा शोध पेपर, नेचर जियोसाइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया। पेपर के मुख्य लेखक अलेक्जेंडर फार्नस्वर्थ ने कहा, ‘नया उभरता हुआ सुपरकॉन्टिनेंट प्रभावी रूप से महाद्वीप प्रभाव, गर्म सूरज और वातावरण में अधिक सीओ 2 दिखाता है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘तापमान 40-50 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा, जो दिन के समय और भी भयानक होगा। पसीने के जरिए अपने शरीर को ठंडा रखने में हम असमर्थ हो जाएंगे, जिसके कारण अंत में मनुष्य खत्म हो जाएंगे।’

8 से 16 फीसदी हिस्सा रहेगा रहने लायक

फार्नस्वर्थ ने आगे कहा कि बढ़ी हुई गर्मी के कारण भोजन या पानी नहीं होगा, जो धरती के जीवों को खत्म कर देगा। हालांकि भविष्य को लेकर कई अनिश्चितताएं हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि महाद्वीप का सिर्फ 8 से 16 फीसदी हिस्सा ही स्तनधारियों के रहने लायक होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक कार्बन डाइऑक्साइड वर्तमान के स्तर से दोगुना होगा। हालांकि इसकी गणना में यह भी माना गया है कि मनुष्य तब तक जीवाश्म ईंधन जलाना बंद कर देंगे।

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