‘इंग्लिश मीडियम स्कूल’ बंद करने पर गरमाई सियासत, गहलोत बोले-‘बेतुका और गरीब विरोधी फैसला’

राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा खोले गए इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर सियासत गरमाती जा रही है। भजन लाल सरकार की मंशा पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल खड़े किए हैं।

Ashok Gehlot 22 | Sach Bedhadak

जयपुर। राजस्थान में इन दिनों महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को वापस हिंदी मीडियम करने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजन लाल सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए इस फैसले को बेतुका बताया। गहलोत ने कहा कि भजन लाल सरकार के इस फैसले से गरीब-मध्यम वर्ग के लोग परेशान होंगे और सरकार को इस फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए।

गहलोत ने X पर लिखा पोस्ट

गहलोत ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘गरीब और मध्यम आयवर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे। यदि इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती परंतु अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को पुन: हिंदी माध्यम करना बेतुका एवं गरीब व मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है।

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हिंदी तो हम सभी की मातृभाषा है ही परंतु अंग्रेजी माध्यम बच्चों को रोजगार के नए अवसर देता है। हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों की मांग पर ही अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले थे और इनसे एक अच्छा माहौल तैयार हुआ था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।’

सरकारी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में पढ़ने की सुविधा देने की मंशा से पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले थे। ये स्कूल जिला और ब्लॉक स्तर पर खोले गए और जरूरत के हिसाब से हिंदी माध्यम स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदला गया। इसके बाद कांग्रेस 5 हजार की आबादी वाले गांवों में अंग्रेमी माध्यम की स्कूल खोलने का विचार कर रही थी।

भाजपा सरकार में अटके प्रोजेक्ट

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सरकार आने के बाद गहलोत सरकार के अन्य प्रोजेक्ट की तरह महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के रिव्यू करने की बात सामने आई। हुआ ये कि महात्मा गांधी स्कूलों के भविष्य पर तलवार लटक गई। अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को वापस हिंदी माध्यम में बदलने का संकेत दिया है। इसके बाद से भजन लाल सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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