अब नहीं कर पाएंगे फर्जी कॉल्स, मोबाइल की स्क्रीन पर दिखेगा फोन करने वाले का नाम

टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने केन्द्र सरकार से सिफारिश करते हुए इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप के जरिए किए जाने वाले कॉल और मैसेज के लिए KYC लागू करने का प्रस्ताव रखा है।

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टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने केन्द्र सरकार से सिफारिश करते हुए इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप के जरिए किए जाने वाले कॉल और मैसेज के लिए KYC लागू करने का प्रस्ताव रखा है। आयोग ने कहा है कि ट्राई जल्दी ही देश में यूनिफाइड Know Your Customer सिस्टम लागू करेगा जो सभी मोबाइल कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा।

आयोग ने बताया कि सरकार के इस कदम से फर्जी कॉल करने वाले और स्पैमर्स पर रोक लगाई जा सकेगी। ट्राई के अध्यक्ष पीडी बाघेला ने हाल ही में हुई इंडिया मोबाइल कांग्रेस में बोलते हुए कहा था कि मौजूदा सिस्टम में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसमें धोखाधड़ी वाले कॉल और स्पैम काल करने वाले वास्तविक अपराधी का पता लगाना काफी जटिल काम है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार काम कर रही है।

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उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक अनफाइड केवाईसी (Know Your Customer) सिस्टम होना चाहिए और सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स तक इसकी पहुंच होनी चाहिए। इसे हम एक परामर्श पत्र में शामिल करने जा रहे हैं, जिसे हम अनिवार्य कॉलर आईडी डिस्प्ले पर जारी करने जा रहे हैं।

फेक कॉल और स्पैम कॉल्स पर लगेगी रोक

पीडी बाघेला ने कहा कि पिछले कुछ समय से स्पैमर्स प्रॉक्सी सर्वर का प्रयोग करते हुए अपने वास्तविक नंबर को छिपा लेते हैं और फिर दूसरों को कॉल कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए और उनकी धरपकड़ करने के लिए TRAI आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग टेक्नीक पर भी काम कर रही है ताकि एक सुरक्षित और बेहतर सिस्टम डवलप किया जा सके।

नया सिस्टम डवलप होने के बाद जब भी कोई व्यक्ति किसी दूसरे को कॉल या मैसेज करेगा तो उस व्यक्ति का वास्तविक नाम (KYC में दी गई जानकारी के अनुसार) स्क्रीन पर दिखाई देगा।

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फेक आईडी से कनेक्शन लेने पर होगी एक साल की जेल

आम तौर पर फेक कॉल या स्पैम कॉल करने वाले लोग दूसरों की फेक आईडी काम लेते हैं। नए दूससंचार विधेयक के अनुसार अब धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों की जांच के लिए टेलीकॉम सर्विसेज का लाभ उठाने के लिए फेक आईडी देने के लिए एक साल तक की कैद की सजा का प्रस्ताव रखा गया है।

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