अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे रामलला…प्राण प्रतिष्ठा पर क्या बोले पीएम मोदी

Ayodhya Ram Mandir Inauguration: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हो गया है। राम मंदिर को लेकर पिछले 500 वर्षों…

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Ayodhya Ram Mandir Inauguration: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हो गया है। राम मंदिर को लेकर पिछले 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है और रामलला अब राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। रामलला के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने के बाद श्रीराम के प्रथम दर्शन शुरू हो गए हैं। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। जिसके बाद पहली बार रामलला देशवासियों के सामने आए हैं। राम मंदिर के गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया।

पीएम मोदी बतौर मुख्य यजमान हल्के पीले रंग की धोती और कुर्ता पहनकर 12 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे। उनके हाथ में एक थाल थी, जिसमें श्रीरामलला का चांदी का छत्र था। संकल्प के साथ प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई, जो 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली।

11 दिन का व्रत तोड़ा…

प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान राम की आरती कर चंवर डुलाया। पीएम मोदी ने मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाकर उनके पैर छुए। इसके बाद उन्होंने श्रीरामलला की परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया। उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के भी पैर छुए। संतों ने उन्हें सोने की अंगूठी भेंट की। इसके बाद पीएम मोदी ने मंदिर के गर्भगृह से बाहर आकर अपना 11 दिन का व्रत भी तोड़ा। फिर उन्होंने देशवासियों को करीब 35 मिनट तक संबोधित किया।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। आज अयोध्या भूमि हम सभी से, प्रत्येक रामभक्त से, प्रत्येक भारतीय से कुछ सवाल कर रही है। श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया…अब आगे क्या? सदियों का इंतजार तो खत्म हो गया…अब आगे क्या?

अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे रामलला…

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि हमारे राम आ गए। हमारे प्रभु श्रीराम आ गए। उन्होंने आगे कहा कि मैं गर्भ गृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बन कर हाजिर हुआ हूं, मेरा शरीर अब भी स्पंदित है, कंठ अवरुद्ध है। इसी के साथ भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि अब हमारे राम लला टेंट में नहीं रहेंगे, अब हमारे राम लला दिव्य मंदिर में रहेंगे।

इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह ऐसा समय है जिसे एक हजार साल बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है। हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। अगर सत्य प्रमाणित हो और सामूहिक शक्ति साथ है तो उसे प्राप्त किया जा सकता है।

10 हजार साल के लिए राम की प्रतिष्ठा…

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज केवल राम लला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है, बल्कि भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। उन्होंने कहा कि जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका असर शताब्दियों तक होता है। उन्होंने महर्षि वाल्मिकी का श्लोक सुनाते हुए कहा कि- राम की स्थापना दस हजार सालों के लिए है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि राम भारत की आस्था है, राम भारत का विधान है। राम ही भारत का प्रताप है। राम नित्यता है राम निरंतरता है।

राम मंदिर निर्माण पर पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर नई ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। ये मंदिर महज देव मंदिर नहीं, भारत की दृष्टि-दर्शन का मंदिर है। राम भारत का विचार-विधान है। राम भारत का चिंतन, चेतना, प्रवाह, प्रभाव, नेति, निरंतरता है। राम विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। इसलिए जब राम की स्थापना होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है।

रामभक्तों ने सैकड़ों सालों तक सहा वियोग…

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी तपस्या में कुछ तो कमी रही होगी कि सदियों तक इस कार्य को पूरा नहीं कर सके। आज जब राम मंदिर का निर्माण हो गया है तो अवश्य ही श्रीराम हमें क्षमा करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि राम का वनवास तो महज 14 साल का था, लेकिन हमारे अयोध्यावासियों के साथ-साथ हमारे रामभक्तों ने तो सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। उन्होंने इसी के साथ ये भी कहा कि ये केवल विजय का समय नहीं बल्कि विनय का भी पल है। राम का व्यक्तित्व यही सिखाता है।

पीएम मोदी ने श्रमवीरों को भी किया संबोधित…

संबोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी कुबेर के किला गये और फिर उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन श्रमवीरों से मुलाकात की। उन्होंने मंदिर निर्माण कार्यों में जुटे श्रमवीरों को धन्यवाद दिया और इसी के साथ उन्होंने श्रमवीरों से आगे के लिए संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने श्रमवीरों से कहा कि अब तक आप सबने बहुत मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है, लेकिन इसके बाद भी यही गति जारी रहे। अभी काम बाकी है। हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है।