Udaipurwati Vidhansabha : फिर आमने-सामने होंगे राजेंद्र गुढ़ा व शुभकरण, ऐसे में कांग्रेस कैसे पाएगी पार?

राजस्थान में 23 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा पर सभी की नजरें टिकी हुई है।

Udaipurwati Vidhansabha

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में 23 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा पर सभी की नजरें टिकी हुई है। क्योंकि इस सीट से वर्तमान में राजेंद्र गुढ़ा विधायक है, जो साल 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में शामिल होकर मंत्री बने थे। लेकिन, मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने शिवसेना का दामन थाम लिया था।

इधर, बीजेपी ने इस सीट से शुभकरण चौधरी को चुनावी रण में उतारा है। लेकिन, ये तो साफ है कि उदयपुरवाटी क्षेत्र में एक बार फिर राजेंद्र गुढ़ा और शुभकरण चौधरी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस क्या कदम उठाती है। कांग्रेस से भगवान राम सैनी, मुरारी सैनी और रविंद्र भडाना समेत एक दर्जन से ज्यादा नेता दावेदारी जता रहे हैं।

उदयपुरवाटी में गुढ़ा का दबदबा

बता दें कि इन दिनों राजेंद्र गुढ़ा का उदयपुरवाटी विधानसभा में दबदबा है। वो यहां से दूसरी बार विधायक है। लेकिन, उनका राजनीतिक करियर काफी सुर्खियों में रहा है। राजेंद्र सिंह साल 2008 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। लेकिन, उन्होंने बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया था और मंत्री बन गए थे। 2013 में गुढ़ा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए थे।

इस कारण साल 2018 में कांग्रेस ने गुढ़ा का टिकट काट दिया। जिसके कारण वो वापस बसपा में चले गए और फिर से विधायक चुने गए। लेकिन, चुनाव जीतते ही वापस कांग्रेस में चले गए और दूसरी बार मंत्री बन गए। लेकिन, कुछ दिनों पहले गहलोत सरकार पर सवाल उठाने के कारण उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद राजेंद्र गुढ़ा ने शिवसेना का दामन थाम लिया। ऐसे में माना जा रहा है गुढ़ा शिवसेना के टिकट पर चुनावी रण में उतर सकते है।

फिर दिखेगा चौधरी बनाम गुढ़ा मुकाबला

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब शुभकरण चौधरी और राजेंद्र गुढ़ा के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। इससे पहले भी साल 2013 और 2018 में दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। साल 2013 में 57,960 वोट हासिल कर शुभकरण चौधरी विधायक चुने गए थे। तब गुढ़ा को 46089 मत मिले थे। इसके बाद साल 2018 में शुभकरण चौधरी बसपा प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा से चुनाव हार गए थे। शुभकरण दूसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 53828 वोट मिले थे।

सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड शिवराज सिंह के नाम

इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड शिवनाथ सिंह के नाम है। शिवराज सिंह चार बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए। लेकिन, वो जब-जब विधायक रहे, उस वक्त उदयपुरवाटी विस क्षेत्र को गुढ़ा विस क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। वो पहली बार साल 1957 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद से साल 2003 तक वो लगातार विधानसभा चुनाव लड़ते रहे। लेकिन, सिर्फ 1967, 1993 और 1998 में ही सफलता हाथ लगी थी।

कुछ ऐसा रहा है यहां का चुनावी इतिहास

साल 1951 में राम राज्य परिषद के देवी सिंह विधायक चुने गए। 1957 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह, 1962 में स्वराज पार्टी के जीवराज, 1967 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह, 1972 में निर्दलीय रामेश्वर लाल, 1977 में जनता पार्टी के इंदर सिंह, 1980 में जनता पार्टी जेपी के वीरेंद्र प्रताप सिंह, 1985 में कांग्रेस के भोलाराम, 1990 में बीजेपी के मदन लाल सैनी, 1993 में निर्दलीय शिवनाथ सिंह, 1998 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह, 2003 में लोक जनशक्ति पार्टी के रणवीर सिंह गुढ़ा, 2008 में बसपा के राजेंद्र गुढ़ा, 2013 में बीजेपी के शुभकरण चौधरी और 2018 में बसपा के राजेंद्र गुढ़ा विधायक चुने गए।

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