डमी कैंडिडेट के सामने बेबस RPSC!व्याख्याता की परीक्षा में बैठा सरकारी लेक्चरर, 2007 में कॉन्स्टेबल में भी चयन

RPSC स्कूल व्याख्याता प्रतियोगिता परीक्षा-2022 में अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने वाले एक डमी कैंडिडेट स्कूल व्याख्याता को SOG ने गिरफ्तार किया है.

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RPSC School Lecturer Exam Dummy Candidate: राजस्थान में स्पेशल आपॅरेशन ग्रुप (एसओजी) ने राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित स्कूल व्याख्याता प्रतियोगिता परीक्षा-2022 की राजनीतिक विज्ञान परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने वाले एक स्कूल व्याख्याता को गिरफ्तार किया है. बता दें कि भजनलाल सरकार ने हाल में पेपर लीक की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक एसआईटी का गठन किया था जिसकी सूचना पर ने SOG ने इस ऑपरेशन को पूरा किया है.

इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए SOG के एडिशनल SP सुनील तेवतिया ने कहा कि आरपीएससी की ओर से अजमेर की सिविल लाइंस थाना पुलिस को शिकायत मिली थी कि स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2022 में एक डमी कैंडिडेट बैठा था. इसके बाद पुलिस ने जांच SOG को सौंपी थी. वहीं SOG की टीम ने पूर्व में गिरफ्तार किए गए लाखाराम और हीराराम से पूछताछ के बाद जालौर के रहने वाले एक डमी कैंडिडेट अशोक कुमार बिश्नोई को दबोचा.

2017 से फर्स्ट ग्रेड लेक्चरर की उठा रहा सैलरी

अब एसओजी की पूछताछ में लेक्चरर अशोक बिश्नोई को लेकर कई अहम खुलासे हो रहे हैं जहां जानकारी मिली है कि आरोपी 2007 में पुलिस कॉन्स्टेबल के पद पर रहा था और इसके बाद 2012 में ग्रेड थर्ड की परीक्षा में भी सफल हुआ. वहीं इसके बाद आरोपी का तीसरी बार 2017 में फर्स्ट ग्रेड लेक्चरर के पद पर चयन हुआ जहां वह अभी काम कर रहा था.

पुलिस ने बताया कि गुरुवार को जालोर के करड़ा दीगांव के रहने वाले अशोक कुमार पुत्र हरिराम को गिरफ्तार किया गया जिसके खिलाफ RPSC के अनुभाग अधिकारी ने सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराया था. एसओजी के मुताबिक आरोपी अशोक को अजमेर से दबोचा गया है जिसने 10 लाख रुपए लेकर परीक्षा देने की बात कबूल की है.

2007 में मिली पुलिस कांस्टेबल की नौकरी

जालोर पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी अशोक बिश्नोई 2007 में कॉन्स्टेबल भर्ती में सफल हुआ था जिसके बाद 2011 तक वह नौकरी करता रहा और इसके बाद 2012 में उसने थर्ड ग्रेड परीक्षा पास की और इसके बाद 2017 से फर्स्ट ग्रेड में लेक्चरर के रूप में जॉइन किया जहां अभी वह काम कर रहा था.