राजस्थान में अब नहीं दिखेगी जादूगरी! क्या होगा अशोक गहलोत का सियासी भविष्य? 2024 में लड़ेंगे लोकसभा चुनाव!

राजस्थान में इस बार रिवाज बदलने का नारा देने वाले सीएम गहलोत कामयाब नहीं हो पाए और राज बदल गया.

sach 1 2023 12 18T122441.879 | Sach Bedhadak

Ashok Gehlot: राजस्थान में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार मिली और बीजेपी ने बहुमत हासिल कर सरकार का गठन किया. कांग्रेस ने 2023 का चुनाव सीएम अशोक गहलोत की अगुवाई में और अपनी सरकार की योजनाओं पर लड़ा जहां कांग्रेस को इस बार 69 सीटें मिली. सूबे में इस बार रिवाज बदलने का नारा देने वाले सीएम गहलोत कामयाब नहीं हो पाए और राज बदल गया. कांग्रेस जहां अब हार के कारणों पर समीक्षा कर रही है उधर सूबे से सियासी गलियारों में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा तेज हैं जहां हर कोई यह जानना चाहता है कि गहलोत की अब अगली क्या भूमिका होगी?

मालूम हो कि पिछले 25 साल से राजस्थान में गहलोत-वसुंधरा के मुख्यमंत्री बनने की कवायद चल रही थी जहां हर 5 साल बाद सत्ता और चेहरा बदल जाता था लेकिन बीजेपी ने इस बार सरकार बनाने के साथ ही एक इस रिवाज को भी तोड़ दिया और पहली बार विधायक चुनकर आए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री का ताज पहना दिया.

पार्टी दिल्ली बुलाएगी या लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?

माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के सियासी अनुभव को देखते हुए पार्टी उनकी समझ का इस्तेमाल लोकसभा चुनावों के लिए कर सकती है जहां उन्हें किसी अन्य राज्य का प्रभारी बनाकर भेजा जा सकता है. इसके अलावा गहलोत की अगली भूमिका पार्टी संगठन में किसी बड़ी जिम्मेदारी के तौर पर भी हो सकती है. हालांकि कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि कांग्रेस उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है.

मालूम हो कि गहलोत के पास सत्ता से लेकर संगठन तक का 50 साल से ज्यादा का अनुभव है ऐसे में गहलोत के तजुर्बे और कांग्रेस आलाकमान का उन पर भरोसा आगे गहलोत की राह दिल्ली या किसी और राज्य में निकाल सकता है. वहीं इसके साथ ही एक तथ्य यह भी है कि जब भी गहलोत सत्ता से बाहर हुए हैं उन्हें संगठन में कोई बड़ा पद दिया गया है.

2013 में बने थे संगठन महासचिव

गौरतलब हो कि 2013 में जब गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते चुनाव हारा था तो कांग्रेस ने उन्हें पार्टी का संगठन महासचिव बनाया था जो कि कांग्रेस में अहम पद माना जाता है. इससे पहले 2003 में प्रदेश में कांग्रेस की हार होने पर 2004 में गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था.