राजस्थान की सियासी गणित, वो 9 विधानसभा सीटें… जिन्होंने बदल दिए थे सत्ता के समीकरण

विधानसभा चुनाव में प्रदेश की भाजपा के हाथ से खिसकी सत्ता आधा प्रतिशत का खेल था। चुनाव में नौ सीटें ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर एक हजार वोटों से कम था।

election | Sach Bedhadak

Rajasthan Assembly Election 2023 : जयपुर। विधानसभा चुनाव में प्रदेश की भाजपा के हाथ से खिसकी सत्ता आधा प्रतिशत का खेल था। चुनाव में नौ सीटें ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर एक हजार वोटों से कम था। इन सीटों को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेता इस बार भी गंभीर हैं। इन सीटों को लेकर एक तरफ जहां प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टियां गहन सर्वे करवा रही हैं, वहीं इन सीटों पर नए प्रत्याशियों को उतारने पर भी विचार कर रही है।

दोनों ही पार्टियों ने इन सीटों को सी ग्रेड में रखा हुआ है। यानी थोड़ी सी बिगड़ी गणित इन सीटों पर हरवा सकती है। इन सीटों में जैसलमेर की पोकरण सीट भी शामिल है। जहां से अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री सालेह मोहम्मद आते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार डॉ. जितेन्द्र सिंह की खेतड़ी सीट भी इसी तरह की निकटतम फाइट की है।

भीलवाड़ा में सबसे छोटी और बड़ी जीत

प्रदेश में सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत भीलवाड़ा जिले में दर्ज हुई और एक ही पार्टी के प्रत्याशियों को हासिल हुई। सबसे बड़ी जीत भाजपा प्रत्याशी विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने 74,542 मत के अंतर से दर्ज की। वहीं, सबसे छोटी जीत भाजपा के प्रत्याशी जबर सिंह सांखला ने मात्र 154 मतों से प्राप्त की। इसके अलावा सीकर की फतेहपुर में 860, जैसलमेर की पोकरण सीट 872, सीकर की दातारामगढ़ में 920, बाड़मेर की सिवाना सीट पर 957, झुंझुनूं की खेतड़ी सीट पर 957, पाली की मारवाड़ जंक्शन सीट पर 251 और हनुमानगढ़ की पीलीबंगा सीट पर हार-जीत का अंतर महज 278 वोट का रहा था।

नोटा की भी नहीं कर सकते अनदेखी 

पिछले विधानसभा चुनाव में नोटा ने भी राजे को सत्ता मुक्त करने में अहम भूमिका निभाई थी। नोटा के वोट ने अनेक उम्मीदवारों का गणित बिगाड़ दिया था। 18 जगह नोटा व रद्द हुए वोट मिलाकर जीत-हार के अंतर से अधिक पहुंच गए थे। राजस्थान में सभी जगह मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया, यह आंकड़ा 4,67,785 को छू गया था।

2018 के चुनाव में नोटा कुल वोटों का 1.33 प्रतिशत रहा, जबकि कांग्रेस और भाजपा के बीच मतों का अंतर के वल 0.5 प्रतिशत था। सबसे अधिक 11,002 नोटा वोट कुशलगढ़ विधानसभा सीट पर डाले गए, जबकि सबसे कम 392 नोटा वोट सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में डाले गए। इसे विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के अंदर खाने उठे तूफान का नतीजा माना गया था।

सबसे बड़ी जीत 

शाहपुरा, भीलवाड़ा 

कैलाश मेघवाल (भाजपा)- 1,01,451 

महावीर प्रसाद (कांग्रेस)- 26,909 

मत का अंतर – 74,542 

सबसे छोटी जीत 

आसींद, भीलवाड़ा 

जबर सिंह सांखला (भाजपा) – 70,249 

मनीष मेवाड़ा (कांग्रेस) – 70,095 

मत का अंतर – 154

ये खबर भी पढ़ें:-महामंथन में निकले 2 फॉर्मूले! गहलोत के चेहरे पर ही रिपीट होगा ‘राज’, सितंबर में उम्मीदवारों का ऐलान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *