कोचिंग संस्थानों पर एक्शन में ढिलाई! हर खुदकुशी के बाद प्रशासनिक मीटिंग… हर मीटिंग के बाद फिर मौत

देश में शिक्षा नगरी की पहचान बना चुका कोटा शहर अब डॉक्टर इंजीनियर बनाने की जगह स्टूडेंट्स का सुसाइड हब बन रहा है।

suicide case in karauli | Sach Bedhadak

Kota Students Suicide : जयपुर। देश में शिक्षा नगरी की पहचान बना चुका कोटा शहर अब डॉक्टर इंजीनियर बनाने की जगह स्टूडेंट्स का सुसाइड हब बन रहा है। पिछले आठ महीने में इस शहर में 24 बच्चे अपनी जीवनलीला खत्म कर चुके हैं। यहां हर माह औसतन तीन स्टूडेंट्स का आत्महत्या कर रहे हैं। फिर भी, कोचिंग सस्थानों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। प्रशासन हर मौत के बाद कुछ दिशा निर्देश जारी कर कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। 

कलेक्टर के निर्देश ताक पर पिछले सुसाइड के बाद कोचिंग संस्थानों को जिला कलेक्टर ने नोटिस जारी कर टेस्ट नहीं लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन रविवार को टेस्ट हुए। नतीजतन यह टेस्ट देने के बाद दो कोचिंग स्टूडेंट्स ने आत्महत्या कर ली। कोटा में प्रदेश सहित अन्य राज्यों के करीब 2.5 लाख विद्यार्थी नीट, जेईई आदि की कोचिंग करते हैं। टफ एग्जाम और कोचिंग स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए उनका हव्वा बना देने से दबाव और तनाव के कारण सुसाइड कर रहे हैं। प्रशासन की ढिलाई के चलते सुसाइड के आंकड़ा रोजाना बढ़ रहा है।

बंद कमरों में फैसले… इंप्लीमेंट नही

दो स्टूडेंट्स द्वारा रविवार को सुसाइड करने के बाद फिर जिला प्रशासन ने हमेशा की तरह मीटिंग के बाद कलेक्टर ने एक पत्र जारी कर कोटा में संचालित कोचिंग संस्थानों में आगामी 2 महीने तक टेस्ट-परीक्षाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया। इधर, जयपुर में सोमवार को प्रमुख शासन सचिव-शिक्षा भवानी सिंह देथा ने स्टेट लेवल कमेटी की बैठक में स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामलों पर नाराजगी जताई और कोचिंग संचालकों से बढ़ते खुदकुशी मामलों के कारण पूछे। यह भी तय हुआ कि कमेटी के सदस्य 2 सितंबर को कोटा जाकर जांच करेंगे। साथ ही, कोटा में स्टूडेंट्स थाना खोलने को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। 

कोंचिग संस्थानों के लिए नीति बनाए केंद्र : मंत्री जोशी 

कोटा में जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि नौजवानों का जान देना सबके लिए दुखदायी है। इस मामले में पूरे देश को विचार करना होगा। पढ़ाई के लिए मां-बाप का कर्ज भी बच्चे पर प्रेशर होता है। केंद्र सरकार को कोंचिग इंस्टीट्यूट् स के बारे में एक नीति बनानी चाहिए, ताकि किसी भी अभिभावक को कर्ज नहीं लेना पड़े। यह नीति बनने तक कोचिंग संस्थानों पर बैन लगना चाहिए।

वहीं, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि सुसाइड के बारे में सोचना पाप है और करना महापाप है। स्टूडेंट्स की काउंसलिंग होनी चाहिए। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री के समझाने के बाद भी ये लोग नहीं समझ रहे हैं। अब हम कानून के डंडे से इन लोगों को समझाएंगे। आज कोचिंग संस्थान नहीं, माफिया खड़ा हो गया है।

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