पराए मर्द के साथ संबंध बना सकती है पत्नी, कोर्ट ने कहा-ये अपराध नहीं…पति की FIR खारिज

जयपुर। भारतीय समाज में पत्नी अगर किसी पराए मर्द से शारीरिक संबंध बनाती है तो उसे गलत नजर या फिर क्राइम माना जाता है। लेकिन…

Jodhpur High court | Sach Bedhadak

जयपुर। भारतीय समाज में पत्नी अगर किसी पराए मर्द से शारीरिक संबंध बनाती है तो उसे गलत नजर या फिर क्राइम माना जाता है। लेकिन जोधपुर कोर्ट ने एक केस में फैसला दिया है कि शादीशुदा महिला दूसरे युवक के साथ रिलेशन बना सकती है, यह अपराध नहीं होगा। जयपुर का यह अजीबोगरीब मामला जब जोधपुर हाईकोर्ट पहुंचा तो अदालत ने भी इस मामले में सुनवाई की। न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार की पीठ ने सुनवाई के बाद पत्नी के पक्ष में फैसला दिया और पति की FIR को खारिज कर दिया गया। यह मामला राजधानी जयपुर का है, जिसको लेकर जोधपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया।

जब पति ने पुलिस को पत्नी की दी शिकायत

दरअसल, जयपुर निवासी एक शख्स ने पुलिस थाने में अपनी पत्नी के किडनैप होने की सूचना दी और FIR दर्ज कराई। पत्नी के पास जब यह सूचना पहुंची तो उसने कोर्ट में इस मामले को चुनौती दे दी। वह कोर्ट में तमाम दस्तावेज और अपहरण करने वाले कथित आरोपी के साथ पहुंची। जिसका नाम संजीव है।

शादी के बाद से पराए मर्द के साथ रहती है पत्नी

पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह खुद अपनी मर्जी से संजीव के साथ रह रही है। उसका किडनैप नहीं किया गया है। पति ने इस मामले में झूठ बोला है। पति के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि पत्नी ने स्वीकार किया है कि वह शादी के बाद भी पराए मर्द के साथ रह रही है। इस कारण आईपीसी सेक्शन 494 और 497 के तहत यह अपराध बनता है।

कोर्ट ने कहा- मर्जी से किसी से संबंध बना सकती है शादीशुदा महिला

इस पर हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यह सच है कि हमारे समाज में मुख्यधारा का विचार यह है कि शारीरिक संबंध केवल शादीशुदा जोड़े के बीच हो, लेकिन जब शादी से इतर दो व्यस्क सहमति से संबंध बनाते हैं तो यह अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सहमति के साथ दो विपरित लिंग के व्यस्क साथ रह सकते हैं।

महिला व्यस्क है वह अपनी मर्जी से रह रही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आईपीसी 494 के यानी दो विवाह करने वाली धारा में केस नहीं बनता है। क्योंकि पति या पत्नी ने अपने जीवन काल में दूसरी शादी नहीं की है। कोर्ट ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप धारा 494 के तहत नहीं आता है।