3 दिन चले मंथन के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया-राजस्थान में कब होंगे इलेक्शन और क्या है तैयारी?

राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने रविवार को बड़ा अपडेट दिया है।

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जयपुर। राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने रविवार को बड़ा अपडेट दिया है। साथ ही यह भी बताया है कि राजस्थान में होने वाले चुनाव को लेकर अब तक क्या-क्या तैयारियां की जा चुकी है और आगे क्या तैयारियां की जाना बाकी है। राजस्थान दौरे पर आई भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने तीन दिन तक सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सभी राजनीतिक पार्टियों सहित विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों से चर्चा के बाद रविवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव ने कहा कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव इसी साल दिसंबर या उससे पहले होने की उम्मीद है। इसके लिए चुनाव आयोग लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है। पिछले दो दिनों में हमने एन्फोर्समेंट एंजेंसियों जैसे राज्य पुलिस, सीपीएफ, आयकर, आबकारी, परिवहन, वाणिज्यिक कर विभाग, राज्य की लीड बैंक के समन्वयक, रेलव, केंद्रीय सुरक्षा बल, आबकारी, आयकर, परिवहन, वाणिज्य कर, प्रमुख बैंक, नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो और एयरपोर्ट के उच्चाधिकारियों से चुनाव के बारे में चर्चा की। साथ ही मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। इसके अलावा सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागों के आयुक्त और पुलिस रेंज महानिरीक्षकों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर चर्चा की गई। सबने यही कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए, महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जानी चाहिए।

मतदाताओं से मतदान की अपील

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग शांतिपूर्ण माहौल में निष्पक्ष, स्वतंत्र और प्रलोभन मुक्त चुनाव मतदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्थान के मतदाताओं से अनुरोध है कि अपने मताधिकार का प्रयोग करने जरूर आएं। हमारा प्रयास है कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन, महिलाओं और नए मतदाताओं सहित सभी मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो।

चुनावी खर्च पर रखी जाएगी कड़ी नजर

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा वोटर्स को लुभाने, पैसो को लालच देने को लेकर शराब, ड्रग्स, नकदी और फ्रीबीज के परिवहन पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। यानी चुनाव में नेताओं द्वारा होने वाले खर्च की कड़ी मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों और इंटेलिजेंस, यातायात पुलिस को चुनावों में लगने वाली आचार संहिता से पहले भी चुनावों से संबंधित संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मतदान केंद्रों में व्यवस्था, ईवीएम व वीवीपैट की उपलब्धता, भंडारण, मानव संसाधन, वाहन, शिकायत निवारण प्रबंधन और कंट्रोल रूम को सक्रिय रहेंगे।

चेक पोस्टों पर रहेगी सख्त निगरानी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चेक पोस्टों पर अवैध शराब, ड्रग्स और धन का आना-जाना बंद करें। खास तौर पर बीकानेर के लिए निर्देश दिए है। वहां अलग से चेक किया जाएगा कि क्यों अवैध शराब आदि निकली। चेक पोस्ट की सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। बड़े माफियाओं के खिलाफ अंकुश लगाया जाएगा। बैंक, आरबीआई को निर्देश कि शाम 5 से सुबह 10 बजे तक नोट ले जाने वाली वैन नहीं चलेंगी। डिटेल होगा कि कहां से कहां निकले और कितना धन लेकर निकले। दलों व कैंडिडेट से शिकायत मिले तो जवाब देना पड़ेगा। ओब्जरवर्स का नंबर और रहने का स्थान कई बार सार्वजनिक किया जाएगा।

कर्मचारी फेसिलिटेशन सेंटर में ही डालेंगे वोट

उन्होंने कहा कि राज्य के कर्मी पहले कभी भी पोस्टल बैलेट डाल सकते थे, अब वे अपना मत फेसिलिटेशन सेंटर में ही डालेंगे। ट्रांसफर जो तीन साल से अधिक रहने वालों के हो गए हैं, तो वे घूम फिरकर वहीं या उसके पास की सीट पर नहीं आयेंगे। इसको लेकर सीएस और डीजीपी को निर्देश दिए गए हैं। फेक न्यूज को कंट्रोल रूम नियंत्रित करेगा। 48 घंटे के सारे विज्ञापन प्री सर्टिफाइड होंगे। साइलेंस पीरियड के दौरान प्रलोभन का ध्यान रखना होगा। महिला कर्मियों की नियुक्ति बूथ पर रहेगी।

रोहिंग्या और अन्य राज्यों से आकर मतदाता बनने के आरोप खारिज

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने रोहिंग्या और अन्य राज्यों से आकर मतदाता बनने और चुनाव प्रभावित करने के आरोपों को खारिज कर दिया है। साथ ही फेक न्यूज के बारे में उन्होंने कहा कि कलेक्टर्स, आईजी को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के निर्देश दिए है। एक चरण में प्रचार रुके और दूसरे चरण में प्रचार हो, वह एक दायरे में नियम में कंट्रोल होता है। 48 घंटे से पूर्व प्रचार नहीं किया जा सकता, यह नियम है। एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग के पूरे निर्देश दिए गए हैं। आयोग पर आरोपों को उन्होंने कहा कि कोई रह जाए ऐसा मतदाता सूची में नहीं हो सकता है। यह एक विरासत है और हमारे परिणामों को देश मानता है। यहां तक कि कई जगह कैंडिडेट री काउंटिंग की भी मांग नहीं कहता है। ईवीएम आदि की जानकारी दलों को दी जाती है।

सुविधा एप क्यों होगा खास?

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पक्षपात तरीके से सुविधाओं को देने के आरोप न लगे, इसलिए सुविधा एप विकसित किया गया है। अपने उम्मीदवार को जानने के लिए नो योर कैंडिडेट एप विकसित किया है। कैंडिडेट की संपत्ति का इसमें ब्योरा होगा। आपराधिक पृष्ठभूमि के कैंडिडेट को समाचार पत्र में 3 बार प्रकाशन देना होगा। साथ ही पार्टियों को यह बताना होगा कि उन्होंने इसलिए इन्हें टिकट दिए है।

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