गहलोत राज के 200 बड़े फैसलों की समीक्षा करेगी भजनलाल सरकार

प्रदेश की नई भजनलाल सरकार ने पिछली गहलोत सरकार के 200 से ज्यादा बड़े फैसलों और विवादित टेंडरों पर नजर गड़ाना शुरू कर दिया है। सरकार ने पिछले दिनों ही गहलोत राज के फैसलों का रिव्यू करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी की घोषणा की थी।

Bhajan Lal vs gehlot | Sach Bedhadak

जयपुर। प्रदेश की नई भजनलाल सरकार ने पिछली गहलोत सरकार के 200 से ज्यादा बड़े फैसलों और विवादित टेंडरों पर नजर गड़ाना शुरू कर दिया है। सरकार ने पिछले दिनों ही गहलोत राज के फैसलों का रिव्यू करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी की घोषणा की थी। इसके बाद मंगलवार को इस कमेटी की बैठक हुई। जिसमें 16 विभागों पर मामलों पर गहन चर्चा की गई। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में यह तय किया गया कि अब हर विभाग के मंत्री और प्रमुख सचिव गहलोत राज के फैसलों की अपने स्तर पर जांच करेंगे।

इसके बाद मंत्री और प्रमुख सचिव के स्तर पर स्क्रूटनी होने के बाद कैबिनेट सब कमेटी को फाइनल फैसले के लिए मामले भेजे जाएंगे। यह जानकारी कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस बैठक के बाद मीडिया को बताई। इस बैठक में सबसे ज्यादा यूडीएच के 40 मामले फिर विधि, खेल, कला और पीडब्ल्यूडी के मामलों पर भी चर्चा की गई।

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हर मंगलवार को होगी रिव्यू बैठक

पिछले सरकार के फै सलों को रिव्यू करने के लिए कमेटी की हर मंगलवार को बैठक होगी। इन बैठकों में गहलोत राज के फैसलों का विभागवार रिव्यू करके उन्हें बदलने या जारी रखने पर फैसला होगा। गहलोत सरकार के पिछले बजट में की गई सभी घोषणाएं रिव्यू के दायरे में आ गई हैं। महिलाओं को फ्री मोबाइल देने की योजना को कमेटी बंद करने की राय दे सकती है। फिलहाल इस योजना की जांच और रिव्यू का काम चल रहा है। फ्री राशन किट योजना पर भी फिर से विचार होगा। फ्री स्कूल ड्रेस बांटने की योजना का भी स्ट्रक्चर बदलना तय माना जा रहा है।

पांच साल के सभी बड़े टेंडरों की जांच

गहलोत राज में हर विभाग में हुए सभी बड़े टेंडरों की छानबीन का काम चल रहा है। पीडब्ल्यूडी, जलदाय, बिजली, महिला बाल विकास, आईटी विभाग के सभी बड़े टेंडरों की जांच शुरू हो गई है। पहले हर मंत्री और प्रमुख सचिव अपने स्तर पर विवादित टेंडरों की जांच करेंगे। इसके बाद कमेटी उन पर आगे एक्शन लेने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में करेगी।

नये कामों के टेंडर पर रोक

प्रदेश में भाजपा की नई सरकार ने आते ही सभी विभागों में नए टेंडरों और वर्क ऑर्डर जारी करने पर रोक लगा दी थी। कुछ जरूरी टेंडरों और वर्क ऑर्डर जारी करने पर भी मुख्यमंत्री से मंजूरी लेने को कहा गया है। कैबिनेट सब कमेटी गहलोत राज में सरकारी टेंडरों की तय बीएसआर रेट से ज्यादा पर हुए एक करोड़ से ज्यादा के सभी टेंडरों की जांच कर रही है।

नए टेंडरों और वर्क ऑर्डर जारी करने पर रोक के पीछे भी यही कारण है। पीडब्ल्यूडी में उन योजनाओं के टेंडरों और वर्क ऑर्डर पर पिछले दिनों रोक हटाई थी, जो केंद्र सरकार की योजनाओं के हैं। बाकी सभी विभागों में रोक बरकरार है।

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