बांदीकुई विधायक टांकड़ा ने अस्पताल में गंदगी देख अधिकारियों की लगाई क्लास, खुद ही टॉयलेट किया साफ

दौसा/ बांदीकुई। राजस्थान में एक बार फिर हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी रहा। पिछले 30 सालों से चला आ रहा रिवाज…

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दौसा/ बांदीकुई। राजस्थान में एक बार फिर हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी रहा। पिछले 30 सालों से चला आ रहा रिवाज एक बार फिर कायम रहा। अब रिवाज बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसी के चलते दौसा के बांदीकुई से भाजपा पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक भागचंद टांकडा जीत के तीसरे दिन एक्टिव मोड़ में नजर आए।

विधायक भागचंद टांकडा मंगलवार को अचानक बांदीकुई के उपजिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। यहां चिकित्सक कमरों के ताला लटका मिला तो ने नाराजगी जताई। विधायक भागचंद टांकडा ने चेतावनी देते हुए कहा 10 दिन में सुधार किया जाए नहीं अपनी जगह ढूंढ लें।

विधायक बनने के बाद पहली बार भागचंद टांकडा अपने शहर के निरीक्षण पर निकले। विधायक ने महिला वार्ड पहुंचे तो टॉयलेट में गंदगी देख सरकारी मशीनरी पर भड़क गए। विधायक टाकडा ने अस्पताल के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि इस तरह की गंदगी दोबारा नहीं दिखनी चाहिए। उसके बाद विधायक खुद टॉयलेट की सफाई करने में जुट गए। चिकित्सकों सहित कर्मियों को नसीहत देते हुए कहा कि अब राज बदल गया है, तुम लोगों को रिवाज बदलना होगा। बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र के आमजन को बेहतर सुविधा देनी होंगी।

इसके बाद वे नगर पालिका ऑफिस पहुंचे। यहां ईओ ऑफिस में नहीं मिले। विधायक ने ईओ के ऑफिस के गेट पर लगे ताले को प्रणाम किया। इसके बाद विधायक ने सभी को व्यवस्थाओं में सुधार करने के निर्देश दिए।

विधायक भागचंद ने स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारियों से कह दिया है कि या तो वह अपना रिवाज बदल लें, वरना 10 दिन के भीतर अपनी नई जगह तलाश लें। वहीं इसके अलावा विधायक भागचंद टांकडा ने कहा कि शहर में सरकारी व्यवस्थाओं में हर कीमत पर सुधार करेंगे। ताकि लोगों को सरकारी सुविधाओं का फायदा मिले। यदि कोई भी अधिकारी और कर्मचारी लापरवाही करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

बता दें कि बीते दिन हवामहल विधानसभा से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य भी कड़े एक्शन में नजर आए थे। वहीं आज भाजपा के ही नवनिर्वाचित विधायक भागचंद टाकडा भी इसी परंपरा का निर्वहन करते नजर आ रहे हैं, जिसके चलते अब लगता है कि राज बदलने के बाद सरकारी कर्मचारियों को अब रिवाज भी बदलना ही पड़ेगा।