राजस्थान विधानसभा अनिश्चितकाल तक स्थगित, पहली बार 23 मिनट में पारित 5 बिल, जाने क्या है खास?

15वीं विधानसभा की कार्यवाही के आखिरी दिन विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बुधवार को 5 बिल ध्वनिमत से पारित किए गए।

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जयपुर। 15वीं विधानसभा की कार्यवाही के आखिरी दिन विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बुधवार को 5 बिल ध्वनिमत से पारित किए गए। इनमें राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023, राजस्थान अभिधृति (संशोधन) विधेयक-2023, नाथद्वारा मंदिर (संशोधन) विधेयक-2023, राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक-2023 और महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक-2023 शामिल है।

जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई तो बीजेपी विधायकों ने लाल डायरी और बीजेपी विधायक मदन दिलावर के निलंबन के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। ऐसे में स्पीकर को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लेकिन, जब तीसरी बार हंगामा हुआ तो स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

23 मिनट में 5 बिल हुए पारित

बीजेपी विधायकों के हंगामे के चलते सदन में मात्र 23 मिनट में 5 बिल पारित कर दिए गए। देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने नाथद्वारा मंदिर (संशोधन) विधेयक-2023 को सदन में पेश किया। प्रभारी मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक-2023 को सदन के पटल पर रखा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक-2023 को सदन में पेश किया।

इसके अलावा राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023 को सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने और राजस्थान अभिधृति (संशोधन) विधेयक-2023 को राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने सदन के पटल पर रखा। इन सभी विधेयकों को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। पांच बिल पारित करने के बाद सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

क्यों खास है कृषक ऋण राहत आयोग का गठन?

वैसे तो आज विधानसभा में पांच विधेयक ध्वनिमत से पारित किए गए। लेकिन, इन सभी में राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023 सबसे खास है। क्योंकि आयोग बनने के बाद कोई भी फाइनेंशियल संस्था जैसे बैंक या कंपनी जिसने किसानों को ऋण दिया है, वह किसी भी कारण से फसल खराब होने की हालत में कर्ज वसूली को लेकर उन पर वसूली का दवाब नहीं बना सकेंगे। किसान फसल खराब होने पर कर्ज माफी की मांग करते हुए इस आयोग में आवेदन कर सकेंगे।

बिल पास होने के बाद यह आयोग किसानों और ऋण देने वाले बैकों या कंपनी के बीच सेटलमेंट को लेकर काम करेगा। यह एक न्यायलय की तरह काम करेगा। जिस तरह कोर्ट सुनवाई करेगा उसी तरह से किसानों की आरे से दिए गए परिवाद पर सुनवाई करेगा। किसानों पर ब्याज बढ़ाकर उन्हें कर्जे में लाने वालों पर आयोग लगाम कसने का काम करेगा। किसान की हालत अगर कर्जा चुकाने लायक नहीं होगी तो सभी तथ्यों और रिपोर्ट के आधार पर उसे संकटग्रस्त घोषित कर सके गा। संकटग्रस्त घोषित किसान से जबरदस्ती कर्जकी वसूली नहीं की जा सकेगी।

लाल डायरी और मदन दिलावर के निलंबन पर हंगामा

विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लाल डायरी और बीजेपी नेता मदन दिलावर के निलंबन का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने लाल डायरी छीनने का आरोप लगाया। जिस पर जलदाय मंत्री महेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आपत्ति जताई।

ऐसे में हंगामे के चलते कार्यवाही 12.09 बजे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। दोबारा विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से हंगामे के कारण करीब एक बजे आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। लेकिन, जब तीसरी बार सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। ऐसे में स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

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