3 साल के बच्चे के लिए भगवान बने डॉक्टर, 16 घंटे बाद जोड़ा गया कटा हुआ पैर

जयपुर। शहर के महात्मा गांधी अस्पताल में 3 साल के बच्चे के लिए डॉक्टर भगवान बन गए। दरअसल यहां के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में उस…

image 2023 02 25T181153.638 | Sach Bedhadak

जयपुर। शहर के महात्मा गांधी अस्पताल में 3 साल के बच्चे के लिए डॉक्टर भगवान बन गए। दरअसल यहां के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में उस बच्चे का कटा हुआ पांव जोड़ जोड़ दिया। एक बार तो यह लगा था कि यह पैर अब नहीं जुड़ पाएगा। लेकिन डॉक्टर्स की टीम ने इस काम को पूरा कर उस मासूम बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाकर उसके पंखों को नई उड़ान दे दी।

खेत में खेलते समय पैर पर गिर गया था हल

दरअसल नागौर के कुचामन के कुनकुन गांव के रहने वाले सुरेश कुमार जांगिड़ के बेटे कृष्णा अपने पिता के साथ खेत में खेल रहा था तभी ट्रैक्टर के पीछे लगे हल के उसके पांव पर गिर जाने से उसका पांव कट गया। घायल अवस्था में बच्चे को लेकर परिजन उसके कटे पांव को लेकरअस्पतालों में चक्कर लगाते रहे लेकिन कहीं भी बात नहीं बन सकी।

जिसके बाद वे जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए जहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग के यूनिट हैड डॉ मनीष जैन ने बच्चे की जांच करवाई और ऑपरेशन थियेटर में ले लिया। डॉ जैन और उनकी टीम ने लगातार 6 घंटे के ऑपरेशन कर कटा पांव जोड़ दिया। ऑपरेशन के बाद इस बच्चे को दो दिन आईसीयू में रखा और उसके बाद सामान्य वार्ड में और अब यह बच्चा स्वस्थ है।

अंग कट जाने पर यह सावधानी बरते

डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी दुर्घटना में शरीर का कोई अंग कट जाए या अलग हो जाए तो पहले उसे साफ पानी में धोएं, फिर गीले कपड़े में लपेटे उसके बाद प्लास्टिक की थैली में अच्छे से पैक करें, उसके बाद एक आइस बॉक्स में बर्फ में रखकर तुरंत अस्पताल लेकर जाएं। यह तय करें की ऑपरेशन पांच से छह घंटे के भीतर हो जाए, क्योंकि इस प्रकार का ऑपरेशन जितना लेट होगा उतनी सफलता दर कम हो जाएगी क्योंकि अधिक देर होने पर खून का थक्का जम जाता है।

गौरतलब है कि कृष्णा का महात्मा गांधी अस्पताल में ऑपरेशन घटना के 18 घंटे बाद शुरू हुआ ऐसे में उसके कटे हुए पैर को जोड़ना असंभव सा था फिर भी डॉक्टर्स को इसमें सफलता मिली यह अपने आप में ही बहुत बड़ी बात है।

ये चिकित्सक थे ऑपरेशन में शामिल

प्लास्टिक सर्जरी विभाग के यूनिट हैड डॉ मनीष जैन, डॉ सौरभ गर्ग, हड्डी एवं जोड़ रोग विभाग के डॉ अश्विनी बिलान्दी, एनेस्थिसिया विभाग के डॉ अवनीश भारद्वाज एवं डॉ गौरव गोयल शामिल थे।

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