‘पक्ष हो या विपक्ष…विधानसभा में सीपी जोशी ने किसी को भी नहीं बख्शा’ उदयपुर में बोले CM गहलोत

राजस्थान के उदयपुर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र का 9वां सम्मेलन आज से शुरू हो गया है।

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9th CPA Conference in Udaipur : उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र का 9वां सम्मेलन आज से शुरू हो गया है। दो दिवसीय राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की सरकारी योजनाओं का बखान करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की जमकर तारीफ की। सीएम गहलोत ने कहा कि विधानसभा में सीपी जोशी ने जिस तरह पक्ष-विपक्ष को लेकर काम किया, वह इतिहास बन गया।

उदयपुर के अनंता रिसोर्ट में आयोजित सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि सीपी जोशी ने विधानसभा में जिस तरह पक्ष-विपक्ष को साथ लेकर काम किया, वह काबिले तारीफ है। चाहे पक्ष हो या विपक्ष…सीपी जोशी ने किसी को भी नहीं बख्शा। साथ ही प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ की तरफ इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि मैं सोचता हूं कि राठौड़ मेरी बात से सहमत होंगे। ऐसा ही माहौल हमने बनाए रखा है।

सीएम गहलोत ने कहा कि हम आज सीपी जोशी की नगरी उदयपुर में हैं। सीपी जोशी छात्र जीवन से संघर्ष करते-करते आज यहां तक पहुंचे हैं। ये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व केंद्र में मंत्री भी रहे। इनका पार्टी और सरकार के काम में अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद बड़ा होता है और पार्टी काफी सोच-विचार के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष बनाती है।

राजीव गांधी को दिया कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय

गहलोत ने आईटी, डिजिटल और नई तकनीक के ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की वकालत करते हुए इसे देश में लेकर आने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया। उन्होंने कहा कि 35 साल पहले जब मैं राजीव गांधी सरकार में मंत्री था, तब आईटी की शुरुआत हुई थी और आज बिना कम्प्यूटर काम नहीं चलता है। मुझे गर्व है कि मै पहली बार मुख्यमंत्री बना तब लोक मित्र के नाम से योजना की शुरूआत की। जितना ज्यादा आईटी की तरफ बढ़ेंगे उतना फायदा होगा।

आज देश की कई विधानसभाएं पेपरलेस : ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजस्थान की धरती को नमन करते हुए गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली विरासत का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि आज देश की कई विधानसभाएं पेपरलेस हो चुकी है। आसन पर बैठकर पीठासीन अधिकारियों को निष्पक्षता के साथ निर्विवाद भूमिका निभानी चाहिए, ताकि आसन का सम्मान बना रहे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त करने में हमारी अहम भूमिका रही है। हम अपने सदनों में चर्चा-संवाद को प्रोत्साहित करें। लोकतंत्र की यात्रा में जनता सजग हुई है, उनकी आशाएं अपेक्षाएं बढ़ी हैं जिसे पूरा करना चुनौती है। इस दिशा में हमें टेक्नालॉजी के उपयोग की ओर जाना होगा। टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ानी होगी।

दो दिन तक कई मुद्दों पर होगा मंथन

विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में दो सत्र होंगे। आज डिजिटल सशक्तिकरण, गुड गवर्नेंस की दिशा में जनप्रतिनिधियों के कौशल और वर्तमान युग की चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। मंगलवार को लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से देश को मजबूत करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर मंथन होगा। इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल कलराज मिश्र भी मौजूद रहेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित 17 विधानसभा अध्यक्ष, 13 विधानसभा उपाध्यक्ष, 3 विधानपरिषद सभापति और 5 विधान परिषद उपसभापति मौजूद रहे।

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