प्रदेश में पहली सोने की खदान की हो सकती है नीलामी, सरकार को मिलेगा करोड़ो का राजस्व, औपचारिकता की जा रही पूरी

राजस्थान में सोने की खदानों के साथ तांबे के भंडारण की संभावनाओं में बड़ी राहत मिली है। खान, पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य में सोने की खदानों की नीलामी का रास्ता खुल गया है।

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Gold Mine Auction in Rajasthan: राजस्थान में सोने की खदानों के साथ तांबे के भंडारण की संभावनाओं में बड़ी राहत मिली है। खान, पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य में सोने की खदानों की नीलामी का रास्ता खुल गया है। प्रमोद जैन भाया के अनुसार बांसवाड़ा के भुकिया जगपुरा क्षेत्र में सोने के भंडार की खोज के साथ ही मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण राज्य सरकार की ओर से इन खदानों की नीलामी नहीं की जा रही है।

राज्य की पहली सोने की खदान

खान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में प्रभावी ढंग से राज्य का पक्ष रखने का नतीजा यह रहा कि विपक्ष का आवेदन खारिज कर दिया गया। इससे राज्य की पहली सोने की खदान की नीलामी हो सकेगी। एक अनुमान के अनुसार इसमें सोना, तांबा और कोबाल्ट तथा निकल के भण्डार हैं। अनुमान के मुताबिक, 1,34,178 करोड़ रुपये के सोने के भंडार और 7,720 करोड़ रुपये के तांबे के भंडार की संभावना है।

1,34,178 करोड़ रुपये का स्वर्ण भंडार

मंत्री भाया ने बताया कि बांसवाड़ा की घाटोल तहसील के भुकिया जगपुरा में 1990-91 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा किए गए अन्वेषण के दौरान सोने के संकेत मिलने पर 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक अन्वेषण के लिए आरक्षित किए गए थे। इस क्षेत्र में अन्वेषण के दौरान 15 ब्लॉकों में 171 बोर होल में 46037.17 मीटर की ड्रिलिंग करके सोने का भंडार पाया गया। यदि सब कुछ ठीक रहा तो राजस्थान प्रदेश और भी अधिक विकास के पथ पर अग्रसर होगा।

सरकार को मिलेगी करोड़ो का राजस्व

ऐसे में सोने की खदानों की नीलामी से राज्य को सोने के खनन में पहचान मिलेगी। वहीं, राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व के साथ-साथ रोजगार के नये अवसर भी उपलब्ध होंगे। हाईकोर्ट से मामले का निपटारा होने के साथ ही विभाग नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने में जुट गया है।