Jodhpur Cylinder Blast : संघर्ष समिति ने स्वीकारा सरकार के 17 लाख के मुआवजे का प्रस्ताव, अब शवों का होगा अंतिम संस्कार

Jodhpur Cylinder Blast : जोधपुर के शेरगढ़ में हुए सिलेंडर ब्लास्ट मामले में 50 लाख के मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रही संघर्ष…

Jodhpur Cylinder Blast : संघर्ष समिति ने स्वीकारा सरकार के 17 लाख के मुआवजे का प्रस्ताव

Jodhpur Cylinder Blast : जोधपुर के शेरगढ़ में हुए सिलेंडर ब्लास्ट मामले में 50 लाख के मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रही संघर्ष समिति और प्रशासन के बीच आखिरकार सरकार के 17 लाख रुपए के विशेष पैकेज पर सहमति बन गई है। इस सहमति के बाद मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बता दें कि इस ब्लास्ट में जो लोग पीड़ित थे उनके लिए इस समिति ने सरकार की और से 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की थी और इस मांग को लेकर वे कई दिनों से महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे थे।

सहमति के बाद समाप्त हुआ धरना

बीते रविवार को समिति और प्रशासन के बीच एक बार से मुआवजे को लेकर बातचीत हुई। संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा प्रशासन की और से बीतचीत में शामिल हुए थे। वहीं 50 लाख के मुआवजे को लेकर समिति के साथ ही पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी, पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़, पुष्पेंद्र राणावत ने बी धरनास्थल पर जाकर वार्ता की थी। उन्होंने सरकार से पीड़ितों को 50 लाख रुपए का विशेष पैकेज देने की मांग की थी। शाम तक वे सभी इसी मांग पर अड़े रहे। आखिरकार फिर वे सरकार की तरफ से घोषित किए गए 17 लाख रुपए के विशेष पैकेज पर मान गए। इसके बाद समिति ने यह धरना समाप्त किया।

बता दें कि (Jodhpur Cylinder Blast) इस पैकेज में, मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से 2 लाख रुपए, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष से 2 लाख रुपए, 2 लाख रुपए गैस कंपनी की ओर से, 6 लाख रुपए गैस कंपनी की बीमा पॉलिसी के तहत और चिरंजीवी योजना से 5 लाख रुपए की राशि शामिल है।

अब तक 35 लोगों की हो चुकी है मौत

अभी तक इस हादसे में 35 लोगों की मौत हो चुकी है। 8 दिसंबर को जोधपुर के कीर्ति नगर इलाके में करीब 3 बजे अवैध तरीके से गैस रिफिलिंग के दौरान गैस लीकेज हुआ था। जिस घर में ब्लास्ट हुआ वहां पर शादी समारोह था। हादसे के बाद घर में कई घरेलू और कॉमर्शियल सिलेंडर फट गए थे जिसने बड़ी तबाही मचा दी। इसमें तो दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी और करीब 60 लोग घायल हो गए थे। 8 लोग 80 फीसदी तक झुलस गए थे। महात्मा गांधी अस्पताल में डॉक्टर्स की टीम युद्धस्तर पर घायलों की जान बचाने में लगी हुई हैं, लेकिन गंभीर रूप से जलने के कारण इन्हें बचा पाना मुश्किल नजर आ रहा है। जब यह हादसा हुआ था तब 60 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इनमें से अधिकतर लोग 90 प्रतिशत से ज्यादा झुलसे हुए थे।

समिति ने उठाई थी ये मांगे

बता दें कि संघर्ष समिति ने सरकार ने मांग की थी कि मृतक परिवारों को 50 लाख रुपए और घायलों को 25 लाख रुपए दिए जाए। मृतकों के आश्रितों को नौकरी दी जाएं। बच्चों की पढ़ाई और छात्रावास में ठहरने की व्यवस्था की जाएं। मामला दर्ज कर निष्पक्ष जाचं की जाएं। ऐसी घटनाएं फिर से ना हो, इसके लिए गहलोत सरकार को ठोस कदम उठाएं।

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