Hindi Diwas : सीएम अशोक गहलोत ने बॉलीवुड पर फोड़ा अंग्रेजी के वर्चस्व का ठीकरा

Hindi Diwas : आज देश-प्रदेश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। राजधानी जयपुर में भी भाषा और पुस्तकालय विभाग की ओर से SMS कॉलेज…

ashok Gehlot on hindi diwas

Hindi Diwas : आज देश-प्रदेश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। राजधानी जयपुर में भी भाषा और पुस्तकालय विभाग की ओर से SMS कॉलेज के ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हिंदी दिवस के मौके पर इस कार्यक्रम में 400 छात्र-छात्राओं को हिंदी सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया, इसके साथ ही उन्होंने हिंदी भाषा की उन्नति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को भी हिंदी सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने अध्यक्षता की। वहीं निदेशक स्थानीय भाषाएं बालेन्दु शर्मा कार्य़क्रम के मुख्य वक्ता रहे।

हिंदी के साथ अंग्रेजी में भी निपुण हो गांव-गांव के बच्चे

कार्यक्रम (Hindi Diwas) को अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया, अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है उसकी उन्नति के लिए हमें हमेशा उस पर काम करना है, मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद हिंदी मीडियम के स्कूल में पढ़ें हुए हैं उन्हें अंग्रेजी बिल्कुल पसंद नहीं थी, लेकिन आज वे गांव-गांव में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल रहे हैं। क्योंकि हम सब जानते हैं कि आज के वक्त पर करियर के लिए अंग्रेजी कितनी महत्वपूर्ण है, इसलिए हमारे गांव-गांव के बच्चों को उनके भविष्य में कोई परेशानी न झेलनी पड़े वे मानसिक तौर भी इसके लिए तैयार हो सकें। इसलिए ये स्कूल खोले जा रहे हैं।

अंग्रेजी का बोलबाला बॉलीवुड की देन

अशोक गहलोत ने अपने संबोधन (Hindi Diwas) में हिंदी की जगह अंग्रेजी की अहमियत को बढ़ाने का ठीकरा बॉलीवुड पर भी फोड़ा, अशोक गहलोत ने कहा कि आज अंग्रेजी का जो पूरे देश में इतना बोल-बाला है ये सब बॉलीवुड की देन है। कई अभिनेता और अभिनेत्री अंग्रेजी में ही बात करना पसंद करते हैं। उनके कई इंटरव्यूस भी अंग्रेजी में ही होते हैं। गहलोत ने कहा कि सरकारी काम-काज को भी हिंदी में और सुगम बनाने की दरकार है। कई सरकारी दस्तावेजों और पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी के कई बेहद कठिन शब्दों का प्रयोग होता है जो आम आदमी भी नहीं समझ पाता, इसलिए उनकी सरकार इस दिशा में भी काम करेगी।

उत्तर भारत में अंग्रेजी तो दक्षिण में हिंदी नापसंद

गहलोत ने कहा कि भाषाओं को लेकर देश में (Hindi Diwas) एक टकराव भी है, जिससे लगभग सभी लोग भलीभांति परिचित हैं। उत्तर भारत में लोग अंग्रेजी नहीं पसंद करते को दक्षिण भारत में लोग हिंदी के पोस्टर तक जला देते हैं, उन्हें अंग्रेजी या उनकी स्थानीय भाषा में बोलना-बात करना पसंद होता है। इस टकराव को भी सभी को मिलकर दूर करना होगा, सभी भाषाओं का देश में सम्मान होना चाहिए।  

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