Bharatpur Sadhu Death : बाबा विजयदास का किया गया अंतिम संस्कार, जानिए मोह त्याग कर साधु बने विजयदास की पूरी कहानी

Bharatpur Sadhu Death : अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु बाबा विजय दास ( Baba Vijay Das ) का यूपी के बरसाना में अंतिम संस्कार…

sadhu 8 | Sach Bedhadak

Bharatpur Sadhu Death : अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु बाबा विजय दास ( Baba Vijay Das ) का यूपी के बरसाना में अंतिम संस्कार किया गया। दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से उन्हें एंबुलेंस से आज दोपहर 3 बजे के आस-पास कामां लाया गया। जिसके बाद पंडितों की मौजूदगी में बाबा विजयदास के शव को तीर्थराज विमलकुंड ले जाया गया। कुंड की परिक्रमा लगवाई गई। इसके बाद कुंड के जल से स्नान कराया गया। इसके बाद शाम करीब 4 बजे उनकी पार्थिव देह यूपी के बरसाना पहुंची। यहां पर स्थित माता श्री गौशाला में बाबा विजय दास का अंतिम संस्कार हुआ।

पसोपा गांव के साधुओं और नेताओं ने किए बाबा के अंतिम दर्शन

इससे पहले जब बाबा विजयदास ( sant Vijay Das ) का शव एंबुलेंस से कामां के पसोपा गांव लाया गया तो उनके करीबी, ग्रामीण और साधु-संत बाबा के दर्शन करने पहुंचे किया। मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष महंत राधा कांत शास्त्री ने बताया कि दर्शन के लिए पसोपा गांव के लोगों औऱ साधु-संतों को अनुमति दी गई। वहीं बाबा विजयदास की 16 वर्षीय पौत्री दुर्गा ने भी भीगी आंखों से अपने दादा के दर्शन किए और उन्हें नमन किया। वहीं बाबा के अंतिम दर्शन के लिए अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ( Baba Balaknath ) , भरतपुर सांसद रंजीता कोली ( Ranjeeta Koli )समेत कई विधायक, नेता और समाज-संगठन के लोग मौजूद रहे।

कौन थे बाबा विजयदास (Baba Vijay Das)

जिन बाबा विजयदास ( Baba Vijay Das ) ने अवैध खनन के खिलाफ 550 दिन का लंबा आंदोलन किया और जब आखिर सब्र का बांध टूटा तो खुद को आग लगा ली। इस तरह खुद की जीवनलीला समाप्त करने वाले बाबा विजयदास ( Baba Vijay Das ) कौन थे, उन्होंने यह आंदोलन कैसे शुरू किया, इसका जवाब आज हर कोई जानना चाहता है। तो हम आपको बताते हैं कि बाबा विजयदास मूलरूप से हरियाणा के भिवानी के बड़वाना गांव के रहने वाले थे। उनका असली नाम मधुसूदन शर्मा था। उन्होंने फरीदाबाद की एक कपड़ा फैक्ट्री में डिजाइनर एक्सपर्ट के रूप में काम किया। एक हादसे में उनके बेटे और बहु की मौत हो गई थी और उनके पास रह गई थी सिर्फ 3 साल की उनकी पौत्री दुर्गा। बूढ़ी उम्र में जवान बेटे और बहु की मौत का गम वे दुर्गा को देखकर पी जाते।

वे दुर्गा के साथ साल 2002 में बरसाना आ गए थे और मान मंदिर में संत बन गए थे। कामां के कनकांचल और आदिबद्रि पहाड़ी पर अवैध खनन को लेकर पसोपा क्षेत्र के संतों ने लगभग डेढ़ साल पहले आंदोलन शुरू किया था। तो बाबा विजयदास भी उस आंदोलन में शामिल हो गए थे।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी की गठित

बाबा विजयदास की मौत के मामला अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले की लेकर एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की। यह टीम घटनास्थल पर जाकर मामले की जांच करेगी और पूरी रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौंपेगी।

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