भरतपुर अवैध खनन मामला : वसुंधरा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कहा- हमारी सरकार ने लगाई थी ब्रज क्षेत्र में खनन पर रोक, कांग्रेस में फिर शुरू हुआ

भरतपुर अवैध खनन मामला : भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु बाबा विजय दास की मौत के बाद अब प्रदेश की सियासत गर्मा…

sadhu vijay das

भरतपुर अवैध खनन मामला : भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु बाबा विजय दास की मौत के बाद अब प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने गहलोत सरकार पर कई सवाल दागे हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार को साधु विजयदास की मौत का जिम्मेदार तक बता दिया।

आज एक प्रेस कांफ्रेंस में वसुंधरा राजे ( Vasundhra Raje ) ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने 27 जनवरी, 2005 को ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन ( Illegal Mining ) पर रोक लगाई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार में आस्था से जुड़े इस क्षेत्र में अवैध खनन फिर से शुरू हो गया।

वसुंधरा ( Vasundhra Raje ) ने कहा कि भरतपुर के इस ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ साधुओं ने आवाज उठाई, 550 दिनों का लंबा आंदोलन किया, लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुना, अगर वक्त रहते सरकार ने उनकी मांगे मान ली होती, तो साधु बाबा विजयदास ( Baba Vijay Das ) जिंदा होते। इसका मतलब है कि जिस राज्य में संतों को आंदोलन करना पड़े, लोकहित की मांगों को मनवाने के लिए अपनी बलि देनी पड़े उस राज्य से इससे बड़ी अराजकता कोई हो ही नहीं सकती।

सतीश पूनिया ने राजस्थान सरकार को बताया साधु की मौत का जिम्मेदार

इसके अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी साधु की मौत और अवैध खनन को लेकर गहलोत सरकार को घेरा। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की।

सतीश पूनिया ( Satish Punia) ने आज भीलवाड़ा में कहा कि साधु विजयदास की मौत के लिए राजस्थान सरकार जिम्मेदार है। साधुओं ने 550 दिनों तक आंदोलन किय़ा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। राजस्थान सरकार खनन माफियाओं के आगे झुकी हुई है। वहीं भरतपुर सांसद रंजीता कोली ने भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की।

बाबा विजय दास ने आज ली अंतिम सांस

भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे साधु विजयदास ने भरतपुर के डीग में 21 जुलाई को खुद को आग लगा ली थी। वह लंबे समय से अवैध खनन के खिलाफ उठा रहे हैं। लेकिन जब सरकार व प्रशासन द्वारा उनकी कोई बात नहीं सुनी गई तो आखिर में साधु ने खुद को आग लगा ली। इस घटना के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां से उन्हें राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। लेकिन जब यहां भी ईलाज नहीं हो सका तो, उन्हें दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां रात 3 बजे करीब उनकी मौत हो गई।

कांग्रेस विधायक भरत ने अपनी ही सरकार के खनिज मंत्री को बोला था खनन माफिया

साधु विजयदास की मौत से आक्रोशित सांगोध से कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ( Bharat Singh ) कुंदनपुर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में उन्होंने प्रदेश के खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया ( Pramod Bhaya ) को ही सबसे बड़ा खनन माफिया करार दिया था। उन्होंने कहा था कि खनन माफियाओं पर नियंत्रण करना है तो प्रदेश के खनिज मंत्री को तत्काल बर्खास्त करें। वे ही सबसे बड़े खनन माफिया, उन्होंने भाया पर निशाना साधते हुए लिखा था कि ‘बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा’।  

इस पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा था कि भरत सिंह भाजपा के कुप्रचार के प्रभावित हो गए हैं,  बता दें कि भाया ने भाजपा सरकार के 5 साल और वर्तमान कांग्रेस सरकार के 43 महीने में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई और खनन ब्लॉकों की नीलामी के साथ ही राजस्व वसूली का विवरण भी दिया था।

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