राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा: पवित्र नदियों का जल अयोध्या रवाना, होगा रामलला का अभिषेक

उत्तराखंड के पवित्र तीर्थों और गंगा समेत सभी नदियों का जल लेकर भगवान रामलला का अभिषेक करने के लिए जूना अखाड़े के नागा संन्यासियों का एक जत्था शुक्रवार को यहां से अयोध्या के लिए रवाना हुआ।

Ram Mandir Pran Pratishtha 1 | Sach Bedhadak

हरिद्वार। उत्तराखंड के पवित्र तीर्थों और गंगा समेत सभी नदियों का जल लेकर भगवान रामलला का अभिषेक करने के लिए जूना अखाड़े के नागा संन्यासियों का एक जत्था शुक्रवार को यहां से अयोध्या के लिए रवाना हुआ। जय श्री राम, हर हर महादेव के जय घोष के साथ अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सचिव महंत महेश पुरी और मुख्य पुजारी महंत सुरेशानंद सरस्वती के नेतृत्व में नागा संन्यासियों का जत्था हर की पैड़ी पहुंचा और मां गंगा की पूजा अर्चना कर गंगाजल से कलश भरा। इसके साथ ही उत्तराखंड के समस्त तीर्थों से लाए जल से भरे कलशों का भी पूजन किया गया जिसके बाद उन्हें लेकर नागा संन्यासी दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल पहुंचे तथा भगवान शिव का अभिषेक कर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निर्विघ्न संपन्न होने की प्रार्थना की।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मंहत हरी गिरि के निर्देश पर गंगा, यमुना,अलकनंदा, मंदाकिनी, सरयू, गोमती ,शारदा, भागीरथी, राम गंगा, काली गंगा, धौली गंगा तथा त्रिजुगी नारायण आदि तीर्थों से पवित्र जल कलशों में भरा गया जिसे लेकर नागा संन्यासियों का जत्था अयोध्या रवाना हुआ है।

यह खबर भी पढ़ें:-‘दो पहले सपने में आए प्रभु श्रीराम…’, 700km का सफर कर अयोध्या पहुंचेंगे अनुपम और संदीप

पीएम मोदी 11 दिनों तक करेंगे कठिन तपश्चर्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि वह 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों तक कठिन तपश्चर्या का पालन करेंगे। इसके लिए शास्त्रों में नियम बताए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से इसका पालन करना होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर विशेष संदेश जारी कर बताया कि वह राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुक्रवार से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं शारिरिक रूप से उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा, लेकिन उस समय में अके ला नहीं रहूंगा। मेरे मन में 140 करोड़ भारतवासी होंगे।

रोजाना 30 हजार लोगों के ठहरने का इंतजाम

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के साथ वहां आने वाले श्रद्धालुओंके रहने-खाने, रुकने, साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था के लिए तैयारियां जारी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फिलहाल वहां प्रतिदिन 30 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री अयोध्या का दौरा कर जरूरी तैयारियों के निर्देश पहले ही दे चुके हैं। स्थानीय प्रशासन श्रद्धालुओं व पर्यटकों के रुकने की चाक-चौबंद तैयारी कर रहा है।

आडवाणी ने कहा… राम मंदिर का निर्माण नियति ने किया तय

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने या नहीं होने की तमाम अटकलों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि राम मंदिर का बनना नियति ने तय किया था और इस महान कार्य के लिए उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तब वे हमारे भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे। मेरी प्रार्थना है कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्रीराम के गुणों को अपनाने के लिये प्रेरित करेगा।

आडवाणी ने एक मासिक पत्रिका में एक लेख ‘राम मंदिर निर्माण, एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति’ में यह बात कही हैं। उन्होंने लेख में कहा है कि आज से 33 साल पहले निकाली गई रथ यात्रा अयोध्या आंदोलन का सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना थी। आडवाणी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए लिखा कि वह अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम से पहले उनकी अनुपस्थिति महसूस कर रहे हैं।

यह खबर भी पढ़ें:-Ram Mandir Ayodhya : दुनिया देखेगी राजस्थान के आर्टिस्ट की कारीगरी, 5 हजार किलो का होगा मुख्य स्तंभ, तांबे से बनी है 450 घंटियां

उन्होंने कहा, रथयात्रा शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही मुझे इसका अनुभव हो गया था कि मैं तो मात्र एक सारथी था। रथयात्रा का प्रमुख संदेशवाहक स्वयं रथ ही था और पूजा के योग्य इसलिए था क्योंकि वह श्रीराम मंदिर के निर्माण के पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए उनके जन्मस्थान अयोध्या जा रहा था।