Rajasthan Election 2023: दोनों ही पार्टियां कर रही जीत का दाव, प्लान-बी को लेकर भी जारी है काम!

राजस्थान में 3 दिसंबर चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे। इससे पहले दोनों ही पार्टियां अपनी जीत का दाव कर रही है। प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस का मानना है कि उसे स्पष्ट बहुमत मिलेगा।

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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में 3 दिसंबर चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे। इससे पहले दोनों ही पार्टियां अपनी जीत का दाव कर रही है। प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस का मानना है कि उसे स्पष्ट बहुमत मिलेगा। सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल के साथ जोड़तोड़ की जरूरी नहीं पड़ेगी। वहीं बीजेपी का दावा है कि वह 130 से ज्यादा सीटें जीतेगी। ऐसे में राजस्थान की जनता का मूड देखते हुए दोनों ही पार्टियों ने प्लान-बी पर काम करना शुरू कर दिया है।

जोड़तोड़ के प्लान पर काम

बीजेपी और कांग्रेस की नजरें अब निर्दलीय और अन्य दलों पर है। वहीं बीजेपी के रणनीतिकार पार्टी उम्मीदवारों से फीडबैक ले रहे हैं। फिलहाल, दोनों ही दलों के रणनीतिकार फोन मिलाए जा रहे है और जोड़तोड़ के प्लान पर काम कर रहे हैं।

इस बार बदलेंगे रिवाज- डोटासरा

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जोड़तोड़ से इंकार किया है। डोटासरा का कहना है कि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। जोड़तोड़ की जरूरी नहीं पड़ेगी। पीसीसी चीफ ने दावा किया कि राजस्थान में इस बार हम रिवाज बदलेंगे। गहलोत सरकार की योजनाओं के दम पर सत्ता हासिल करेंगे।

बीजेपी को मिलेगा पूर्ण बहुमत- जोशी

वहीं, भाजपा प्रदेशध्यक्ष सीपी जोशी का दावा है कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। इस बार बीजेपी 130 से ज्यादा सीटें जीतेगी। इस बार भी ट्रेंड सत्ता बदलने के रहेगा। रिवाज नहीं बदलेगा। गहलोत सरकार से लोग परेशान हो चुके हैं।

2018 में अटक गए थे 99 पर

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटसरा ने कहा कि जो भी निर्दलीय और बागी होकर चुनाव लड़े है। उन्होंने हमारा पिछला कार्यकाल देखा है। वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। कांग्रेस के साथ आएंगे। पिछली बार भी सभी निर्दलीय और अन्य दलों के लोगों ने हमारा समर्थन किया था। आगे भी ऐसा ट्रेंड रहेगा। वैसे हमको पूर्ण बहुमत मिल रहा है।

गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस न 99 सीटें जीती थी। जबकि बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए। सीएम गहलोत ने बड़ी चतुराई से निर्दलीय और बाद में बसपा के 6 विधायकों का समर्थन हासिल कर बहुमत से ज्यादा का आंकड़ा जुटा लिया था।