Rajasthan: बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल, बोले- मैं अशोक गहलोत के काम से प्रभावित

कोटा से आने वाले बीजेपी नेता और बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमीन पठान को सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस जॉइन करवाई.

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों का काउंटडाउन शुरू हो गया है लेकिन नेताओं का दल बदलने का सिलसिला अभी नहीं थमा है जहां बुधवार को बीजेपी को एक और झटका लगा है. जानकारी के मुताबिक बुधवार को जयपुर कांग्रेस वॉर रूम में कोटा से आने वाले बीजेपी नेता और बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे अमीन पठान ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पठान को सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस जॉइन करवाई.

वहीं इस दौरान अमीन ने कहा कि बीजेपी में सबका साथ, सबका विकास झूठा नारा है और मैं लंबे समय से पार्टी में अनदेखी झेल रहा था. इसके अलावा पठान ने कहा कि वह गहलोत सरकार के कामों से प्रभावित होकर आज कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं.

BJP में नहीं दिखता सबका साथ, सबका विकास – अमीन

वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद अमीन पठान ने कहा कि मैंने पिछले 25 सालों से बीजेपी का साथ दिया है जहां मैंने अटल जी के समय भाजपा जॉइन की थी और बीते दिनों एक नारा बोला जाता था कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास लेकिन आज मुझे बीजेपी में यह दिखाई नहीं देता है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार के रहते खिलाड़ियों को दिल्ली में धरने पर बैठना पड़ा, राजस्थान की गहलोत सरकार ऐसी पहली सरकार है जिसने खिलाड़ियों का भी रखा ध्यान, खिलाड़ियों को यहां मिली नोकरी, हम पूरी मेहनत करेंगे जिससे यहां फिर से बनेगी कांग्रेस की सरकार, भाजपा सबके विश्वाश की करती है बात, आज भाजपा में नहीं हो रहा यह सब

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वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अमीन पठान खेल जगत में बड़ी हस्ती हैं और आप समझ सकते हैं कि अमीन भाजपा छोड़कर क्यों आए होंगे?’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो ताकतें बैठी है उनका विकास का एजेंडा नहीं है और अब अमीन के आने से कांग्रेस को ताकत मिलेगी जिनका मैं स्वागत करता हूं.

बता दें कि अमीन पठान कांम विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था.

यूनुस खान ने भी छोड़ा साथ

गौरतलब है कि बीते दिनों डीडवाना से भी बीजेपी के इकलौते सबसे बड़े मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले यूनुस खान ने पार्टी छोड़कर चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी थी. उस दौरान खान ने कहा था कि अब बीजेपी पुरानी विचारधारा वाली पार्टी नहीं रही है और वह पिछले 5 साल से यहां अपमान का घूंट पी रहे थे.