राजस्थान : दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की साख दांव पर, पुत्र मोह में भूले पार्टी, जानिए क्यों खास है लोकसभा चुनाव?

Rajasthan Lok Sabha Election Phase 2 Voting: राजस्थान में दूसरे चरण की वोटिंग चल रही है। यहां दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की साख पर दांव लगा है। दोनों ने पुत्र मोह में पार्टी के प्रचार-प्रसार से दूरियां बना ली थी।

Ashok Gehlot 19 | Sach Bedhadak

Rajasthan Lok Sabha Election Phase 2 Voting: जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 सीटों पर वोटिंग चल रही है। चुनावी रण में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां ने अपना पूरा दमखम दिखाया। लेकिन कई मायानों में राजस्थान में लोकसभा चुनाव इसलिए खास है क्योंकि दो पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje) की साख दांव पर लगी है।

दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अपने बेटों को जीताने के लिए पार्टी का प्रचार-प्रसार तक भूल गए। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इस बार पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार-प्रसार करने की बजाय झालावाड़ तक ही सीमित रही। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी प्रत्याशियों से कहीं ज्यादा अपने बेटे वैभव को जीताने के लिए आमदा रहे हैं।

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भाजपा के स्टार प्रचारकों ने झालावाड़ से बनाई दूरी

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह (Dushyant Singh) झालावाड़ से सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर बीजेपी की और से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा दुष्यंत सिंह के नामांकन के दिन पहुंचे थे। इसके अलावा भाजपा के स्टार प्रचारकों ने झालावाड़ में दुष्यंत का प्रचार-प्रसार करने से परहेज ही रखा। लगभग राजस्थान में सभी सीटों पर भाजपा के स्टार प्रचारकों ने प्रचार-प्रसार किया। लेकिन झालावाड़ की कमान अकेले वसुंधरा राजे ने ही संभाली रखी।

झालावाड़ में भाजपा के स्टार प्रचारक नहीं पहुंचने पर कांग्रेस ने इसे पार्टी में अंर्तकलह का मुद्दा बनाया। वसुंधरा राजे पार्टी की दिग्गज नेता हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में राजे पार्टी के हरके कार्यक्रम से नदारद रही। जैसे भाजपा ने वसुंधरा राजे से किनारा ही कर लिया हो।

जौलार-सिरोही सीट पर रहा गहलोत का विशेष फोकस

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) जालौर-सिरोही सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। गहलोत ने पार्टी के दूसरे प्रत्याशियों का भी प्रचार किया, लेकिन उनका विशेष फोकस जालौर-सिरोही सीट पर रहा। गहलोत ने बेटे के प्रचार के लिए राजस्थान ही नहीं, बल्कि मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई तक का दौरा किया। जहां प्रवासी वोटर्स रहते हैं। ये चुनाव गहलोत के बेटे वैभव का भविष्य तय करेगा। साथ ही अशोक गहलोत की साख पर लोग कितना विश्वास करते हैं इसका भी इम्तिहान रहेगा।

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