लापरवाही बन रही काल! रेबीज से भारत में सबसे ज्यादा मौतें, कुत्ता काटे तो रखें इन बातों का ध्यान

गाजियाबाद में रेबीज से 14 साल के बच्चे की मौत का वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में नजर आ रहे बच्चे को करीब डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था, लेकिन बच्चे ने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी।

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Jaipur News: गाजियाबाद में रेबीज से 14 साल के बच्चे की मौत का वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में नजर आ रहे बच्चे को करीब डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था, लेकिन बच्चे ने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी। इससे उसके शरीर में रेबीज का संक्रमण फैलता गया। उसकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी। मुँह से लार आ रही थी और उसे पानी से डर लग रहा था।

लगातार बढ़ रही इस तरह की घटनाएं

गंभीर हालत में परिजन उसे अस्पताल ले गए। जांच में पता चला कि बच्चे के पूरे शरीर में रेबीज का संक्रमण फैल गया है। ऐसे में उनकी जान नहीं बचाई जा सकी और उनकी मौत हो गई। पिछले कुछ महीनों में कुत्तों के काटने की घटनाएं भी लगातार देखने को मिल रही है, लेकिन कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते।

जिसके कारण उनको गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते है। इस लिए सभी को यह जानना जरूरी है कि कुत्ते के काटने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए और कितने घंटे के अंदर इलाज कराना जरूरी है। आइए जानते है इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।

रेबीज़ का कोई इलाज नहीं है

विशेषज्ञों की माने तो रेबीज एक संक्रमण है जिसका कोई इलाज नहीं है। यह संक्रमण जानवरों के काटने से इंसानों में फैलता है। जानवर की लार में रेबीज का वायरस होता है जो काटने के बाद बने घाव के माध्यम से मानव शरीर में फैलता है। रेबीज का वायरस शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैलने के बाद अंत में मस्तिष्क तक जाता है। ऐसे में मरीज की जान बचाना मुश्किल होता है।

रेबीज बन सकता है मौत का कारण

विशेषज्ञों इसको लेकर बताते है कि लोगों में इस बीमारी के लक्षण दिखने का समय अलग-अलग हो सकता है। कुछ में इसके लक्षण दो महीने में ही दिखने लगते हैं तो कुछ में कई साल भी लग सकते हैं। यह बात पूरी तरह से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है।

अगर कुत्ते ने काट लिया है और टीका नहीं लिया है तो रेबीज का वायरस शरीर में फैल ही जाएगा, जो बाद में मौत का कारण बन जाता है। ऐसे में लोगों को रेबीज का टीका लगवाने की सलाह दी जाती है।

भारत में सबसे ज्यादा मौतें

दुनिया में रेबीज से सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही होती हैं। इनमें से अधिकतर मौत का कारण कुत्ते का काटना होता है। WHO के अनुसार, दुनिया भर में रेबीज से होने वाली मौतों में से 36 प्रतिशत भारत में होती हैं। जबकि दक्षिण पूर्व एशिया की 65 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण कम जागरूकता बताया जा रहा है।

24 घंटे के अंदर इंजेक्शन लगवाएं

इस बीमारी को रेबीज के इंजेक्शन के जरिए ही रोका जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते या किसी जानवर ने काट लिया है तो 24 घंटे के अंदर अस्पताल जाकर रेबीज का टीका लगवा लें। अगर इससे ज्यादा देर हो जाए तो संभव है कि दवा का असर बाद में न हो।

ये रेबीज के लक्षण हैं

  • सिरदर्द।
  • गला खराब होना।
  • जहां काटा गया वहां जलन होना।
  • लार टपकना।
  • पानी से डर लगता है।
  • दौरे पड़ना।

घरेलू नुस्खों के चक्कर में न पड़ें

विशेषज्ञों कहते है कि आज भी कई इलाकों में कुत्ते या बंदर के काटने के बाद लोग रेबीज का टीका नहीं लगवाते, बल्कि घरेलू उपचार के चक्कर में पड़ जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में ऐसा बहुत होता है।

घाव पर लाल मिर्च, गाय का गोबर जैसी चीजें लगाई जाती हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए। केवल एंटी-रेबीज टीका ही रेबीज से बचा सकता है। इसमें पांच इंजेक्शन लगते हैं, जो देश के सभी सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त में लगाए जाते हैं।

कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए

  • घाव को तुरंत साबुन से धोएं
  • नजदीकी अस्पताल में जाएं
  • रेबीज का टीका लगवाएं
  • 24 घंटे के अंदर पहला टीका अवश्य लें
  • इसके बाद डॉक्टर की सलाह लें और बाकी चार टीके लें।

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