तुर्की में मिला सांता क्लॉज का मकबरा, ये है उनकी मशहूर कहानी

तुर्की से खबरें आ रही हैं कि यहां पर संत निकोलस की मृत्यु के 1600 साल बाद उनका मकबरा प्राचीन चर्च में मिला है।

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तुर्की के अंतालिया जिले का छोटा सा कस्बा है डेमरे, जहां पर एक बहुत ही पुराना चर्च है। यह चर्च सदियों पहले भूमध्यसागर के बढ़ते जलस्तर की वजह से पूरी तरह से ढंक गया था। अब इसी चर्च में सांता क्लॉज का मकबरा मिलने की खबरें हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वास्तविक इमारत के ऊपर एक और चर्च बनाया गया था, जिसे संत निकोलस के मकबरे की रक्षा करने के मकसद से बनाया गया था। संत निकोलस या सांता क्लॉज। जी हां, तुर्की से खबरें आ रही हैं कि यहां पर संत निकोलस की मृत्यु के 1600 साल बाद उनका मकबरा प्राचीन चर्च में मिला है।

चमत्कारों के लिए हैं प्रसिद्ध

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अंतालिया में प्रांतीय सांस्कृतिक विरासत संरक्षण बोर्ड के मुखिया उस्मान इरावसर ने बताया कि चर्च के फर्श की टाइलिंग, जिस पर संत निकोलस चले थे, का पता लगाया गया है। कहा जाता है कि संत निकोलस 270 और 343 ईसा पूर्व के तुर्की में रहते थे। वह ग्रीक के रहने वाले थे और बिशप थे। उनके जीवन के बारे में अभी भी बहुत कम जानकारी है। सांता क्लॉज को उनके जीवन में हुए चमत्कारों के लिए जाना जाता है।

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सांता क्लॉज की मशहूर कहानी

सांता क्लॉज की मशहूर कहानी है कि उन्होंने तीन गरीब बहनों की शादी के लिए झोले से उनके कमरे की खिड़कियों से सोना कमरे में बिखरा दिया था। फिर, जब संत सोने के सिक्कों का दूसरा झोला कमरे में फेंक रहे थे, तभी लड़कियों के पिता ने देख लिया और सांता क्लॉज का आभार जताया। तब संत ने उनसे वादा लिया कि वे इसके बारे में किसी को नहीं बताएंगे। सांता क्लॉज यह नाम डच शब्द सिंटर क्लास से आया है, जो कि संत निकोलस की शॉर्टफॉर्म है।

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