बोको हराम, अलकायदा से भी खतरनाक है अल शबाब, जानिए सोमालिया के लिए कैसे बना नासूर

सोमालिया के मोगादिशु के होटल हायत में बीती रात अल शबाब आतंकी संगठन ने हमला किया। इस हमले की स्क्रिप्ट लगभग मुंबई के 26/11 हमले…

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सोमालिया के मोगादिशु के होटल हायत में बीती रात अल शबाब आतंकी संगठन ने हमला किया। इस हमले की स्क्रिप्ट लगभग मुंबई के 26/11 हमले जैसी लिखी गई। इस संगठन ने साल 2017 में भी इसी शहर मोगादिशु में बड़ा हमला किया था। आतंकियों ने शहर में बम विस्फोट किए थे, जिसमें लगभग 300 लोगों की मौत हुई थी। एक साल पहले इस संगठन ने सोमालिया में सेना के दो शिविरों में बम धमाके किए थे। इन धमाकों में सैकड़ों सैनिकों की मौत हो गई थी। तो अब सवाल उठता है कि आखिर ये आतंकी संगठन सोमालिया से चाहता क्या है, आखिर किस वजह से जिनको मनवाने के लिए पूरे देश में दहशत फैला रहे हैं। इसके लिए आपको अल-शबाब के पैदा होने से लेकर उसकी हर सच्चाई से रूबरू होना होगा।

यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स का हिस्सा है अल शबाब

दरअसल ये आतंकी कट्टरपंथी आतंकी संगठन 2006 में अस्तित्व में आय़ा। वहाबी मानसिकता का ये आतंकी संगठन दुनिया के सबसे खतरनाक और खूंखार संगठनों में गिना जाता है। यह संगठन तहरीक-ए-तालिबान, बोको हराम, अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों से संबंध रखता है, यहां तक कि यह संगठन उनसे से भी ज्यादा खतरनाक है। अल शबाब यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स का एक हिस्सा है। अब यहां आपको ये जानना जरूरी है कि अब ये यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स क्या है।

दरअसल यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स शरिया अदालतों का एक संगठन है। इसका सरगना शरीफ शेख अहमद था। सोमालिया का शहर मोगादिशू काफी लंबे समय तक इस यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स के कब्जे में था। लेकिन साल 2006 में इथियोपिया की सेना ने इस संगठन को हरा दिया था। जिसके बाद वहां पर सेना ने इस शहर को इस संगठन से मुक्त करा लिया था। इसी के बाद अल शबाब नाम के आतंकी संगठन का गठन हुआ। इस संगठन में यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स के सदस्य शामिल हुए। एक तरह से यह आतंकी संगठन यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स का ही प्रमुख हिस्सा माना जाता है।

सोमालिया में शरिया लागू कर राज करना चाहता है अल शबाब

अल शबाब का एकमात्र मकसद ही सोमालिया की सत्ता को हासिल करना है यह संगठन वहां पर शरिय कानून करना चाहता है और सरकार को अपने हिसाब से चलाकर लोगों में खौफ पैदा कर वहां राज करना चाहता है। इसलिए अपने गठन के बाद से ही उसने सोमालिया की सरकार को उखाड़ फेंकने का जिम्मा लिया हुआ है। सेना के आतंकियों से सोमालिया से खदेड़ने के बाद से वहां नई सरकार का गठन हुआ। जिसके बादसे उसका कार्यकाल 2012 तक रहा। इसके बाद दूसरी सरकार फेडरल ऑफ सोमालिया की सरकार बनीं।

हालांकि बड़े पैमाने पर सोमालिया से आतंकियों का सफाया कर दिया गया था। लेकिन सोमालिया के कई इलाकों में अल-शबाब का कब्जा था। वहां उसने कट्टर शरिया कानून को लागू किया हुआ है। मुस्लिम देश होने के बावजूद सोमालिया में आतंकियों ने कोहराम मचाया हुआ है। क्योंकि सोमालिया के मुस्लिम सूफी धर्म को मानने वाले हैं। इसलिए अल-शबाब उन पर शरिया कानून थोपना चाहता है। अल शबाब मोगादिशू समेत कई शहरों में धीरे-धीरे अपनी दहशतगर्दी फैलाता जा रहा था। इन दहशतगर्दों को खदेड़ने के लिए अफ्रीका संघ की सेना लगातार युद्ध कर रही है। लेकिन बीती रात मोगादिशु में आतंकियों के हमले ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी।

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