चांद पर 47 साल बाद जा रहा है रूस, लूना-25 व चंद्रयान-3 के बीच रेस

चांद की ओर भारत का चंद्रयान बढ़ रहा है। इस बीच रूस का चंद्रमा पर लैंडिंग क्राफ्ट ले जाने वाला सोयुज-2 फ्रीगेट रॉकेट भी लॉन्च हो गया है। रूस के अमूर ओब्लास्ट में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से इस अंतरिक्ष यान ने उड़ान भरी।

chandrayaan 3 vs luna 25 mission | Sach Bedhadak

वॉशिंगटन। चांद की ओर भारत का चंद्रयान बढ़ रहा है। इस बीच रूस का चंद्रमा पर लैंडिंग क्राफ्ट ले जाने वाला सोयुज-2 फ्रीगेट रॉकेट भी लॉन्च हो गया है। रूस के अमूर ओब्लास्ट में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से इस अंतरिक्ष यान ने उड़ान भरी। सोयुज-2 फ्रीगेट रॉकेट पर सवार होकर, लूना 25 ने शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 8:10 बजे उड़ान भरी। रूस को उम्मीद है कि वह लगभग 47 वर्षों में अपना पहला मिशन चांद पर सफलतापूर्वक लैंड कराएगा।

मानवरहित लूना-25 मिशन शुक्रवार तड़के चंद्रमा की ओर रवाना हुआ। उम्मीद है कि यह पांच दिनों में चांद के करीब पहुंच जाएगा। लूना-25 चांद के दक्षिण ध्रुव क्षेत्र से भूवैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करेगा और पानी या अन्य तत्वों के संकेतों का डेटा वापस धरती पर भेजेगा। ये चंद्रमा पर भविष्य में मानव बस्तियां बसाने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।

रूस के दो मिशन हो चुके विफल

रूस ने साल 1996 में मार्स-96 और 2011 में फोबोस-ग्रंट लॉन्च किया गया था, जो प्रशांत महासागर में दरु्घटनाग्रस्त हो गया। स्पेस एक्सप्लोरेशन पर विस्तार से लिखने वाले ब्लॉगर विटाली ईगोरोव ने कहा, ‘अब 12 साल बाद वे लूना-25 लॉन्च कर रहे हैं और सबसे बड़ा सवाल है कि क्या वह चंद्रमा तक पहुंचने में सफल होगा? अगर ऐसा होता है तो क्या वह वहां उतर सकता है?’

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लूना-24 पहुंचा था चांद पर

रूस का आखिरी चांद लैंडर सोवियत संघ के जमाने में लूना-24 था। यह 18 अगस्त 1976 को चांद की सतह पर उतरा था। इस मिशन के तहत चांद की सतह के सैंपल रूस के वैज्ञानिकों को मिले थे। लूना 25 और चंद्रयान दोनों ही मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। रूसी स्पेस एजेंसी ने कहा है कि दोनों ही मिशन एक दूसरे के लिए कोई दिक्कत नहीं पैदा करने वाले, क्योंकि इनके बीच एक बड़ी दरी होगी।

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