Uttarkashi Tunnel Rescue : 16 दिन…41 जिंदगियां, अब सेना ने संभाली कमान, रेस्क्यू में आई नई जान

Uttarakhand Tunnel Collapse: दिवाली के दिन से उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूर हर रोज बाहर निकलने की उम्मीद लगाए हैं। प्रशासन…

New Project 2023 11 27T123020.687 | Sach Bedhadak

Uttarakhand Tunnel Collapse: दिवाली के दिन से उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूर हर रोज बाहर निकलने की उम्मीद लगाए हैं। प्रशासन की ओर से सभी मजूदरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 16वां दिन है।

ताजा जानकारी के मुताबिक, सोमवार से एक बार फिर वर्टिकली ड्रिलिंग के साथ मैन्युअली हॉरिजॉन्टल खुदाई भी शुरू हो सकती है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है। इसमें अब तक 31 मीटर खुदाई हो चुकी है।

सोमवार सुबह सिल्क्यारा की तरफ से फंसी ऑगर मशीन को काटकर बाहर निकाल लिया। रविवार 26 नवंबर शाम से इसे प्लाज्मा कटर से काटा जा रहा था। पूरी रात यह काम चला। भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स और मद्रास सैपर्स की यूनिट इस काम में जुटी थी। सुबह जैसे ही कामयाबी मिली, ये लोग खुशी झूम उठे। अब उम्मीद की जा रही है कि इस जगह से फिर मैन्युअली ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।

सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर ठीक…

इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘अच्छी खबर यह है कि अंदर फंसे 41 मजदूर ठीक हैं। उनके पास सभी चीजें जा रही हैं। मजदूरों के परिजन भी आ गए हैं, मजदूरों ने अपने परिजनों से बात भी की है। जहां तक बचाव अभियान का सवाल है, कुछ समस्याएं हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं। ऑगर मशीन में क्षति हुई है और इसका कुछ हिस्सा बाहर नहीं आया है। ऑगर मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए उन्नत मशीनरी की आवश्यकता है, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से लाया जा रहा है। यह जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंच जाएगा।’

अगले 5 मीटर तक बाधा नहीं, हम तेजी से जा सकेंगे…

वहीं बचाव का काम देख रहे उत्तराखंड सरकार के अतिरिक्त सचिव (तकनीकी, सड़क और परिवहन) महमूद अहमद ने कहा कि फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अभी नई पाइप डाली जानी है। उन्होंने कहा, ‘अभी हम सुरंग में और 5.4 मीटर आगे बढ़ पाए हैं। उम्मीद है कि अगले 5 मीटर तक बाधा नहीं है और हम तेजी से जा सकेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘ड्रिलिंग मशीन को फिर से जोड़ दिया गया है। वेल्डिंग के बाद एक नया पाइप डाली जाएगी, जिसकी प्रक्रिया में दो घंटे लगेंगे। दो घंटे के बाद, हम पाइप को सुरंग के अंदर धकेलेंगे।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे अब उन्हें किसी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि उन्होंने कहा ‘अभी दो और पाइपें डालनी हैं। हम मानते हैं कि बाधाएं कभी भी आ सकती हैं, लेकिन हम उम्मीद नहीं हारना चाहते।’

12 नवंबर से टनल में फंसे हैं 8 राज्यों के 41 मजदूर…

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हैं। इन्हें निकलने के लिए 16 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली।