‘अटूट बंधन और विश्वास में उठे हजारों हाथ’…पीली लुगड़ी ओढ़ वसुंधरा बोलीं- मैं राजस्थानियों के लिए लड़ती रहूंगी

पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर प्रदेश भर से आई महिलाओं से रक्षा सूत्र बंधवाए.

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Vasundhara Raje: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने पर बीजेपी और कांग्रेस की जोर आजमाइश के बीच महीनों से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है. इस बीच शनिवार को राजे जयपुर में प्रदेशभर से आई हजारों महिलाओं के साथ दिखाई दी. राजे ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया.

वहीं अपने सरकारी आवास पर प्रदेश भर से आई महिलाओं से रक्षा सूत्र भी बंधवाए. इस दौरान राजे ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि मातृशक्ति की भागीदारी के बिना किसी भी राष्ट्र के नव निर्माण की कल्पना अधूरी है.

जोश से सराबोर राजे का सरकारी आवास

दरअसल राजे हर साल अपने सरकारी आवास पर प्रदेश भर से आई महिलाओं से रक्षाबंधन के मौके पर रक्षा सूत्र बंधवाती रही है लेकिन इस बार इस कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया. राजे ने इस दौरान वहां मौजूद महिलाओं से कहा कि आपका जोश देख कर यह तय है कि नारी शक्ति का यह प्रवाह इस बार राजस्थान की महिला विरोधी कांग्रेस सरकार को बहा कर ले जाएगा.

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महिला शक्ति से हमेशा मिलता है हौंसला

वहीं पूर्व सीएम राजे ने आगे कहा कि रक्षासूत्र यूं तो कच्चा धागा है लेकिन यह मज़बूत और अटूट है, मेरे लिए सुरक्षा कवच है. उन्होंने कहा कि इसमें राजस्थान की संपूर्ण महिलाओं की शक्ति है जो मुझे हर मुश्किल को पार करने का हौसला देगा और प्रदेशवासियों की सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा.

राजे ने कहा कि महाभारत में कृष्ण की अंगुली कट गई तो द्रौपदी ने साड़ी फाड़ कर कृष्ण की उंगली पर बांधी और कृष्ण ने भी कौरवों से उसकी रक्षा की, मैं भी कृष्ण की प्रेरणा से आपकी सेवा करूंगी और हर राजस्थानी के हक़ के लिए लड़ती रहूंगी।

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बेटियां बेखौफ़ अपना बचपन जी सकें

पूर्व सीएम ने कहा कि यह धागा उसे ही बांधे जो इस धागे का धर्म निभाए, जैसे भगवान कृष्ण. उन्होंने कहा कि समाज रूपी बगीचा तब ही खूबसूरत दिखेगा जब उसमें सभी किस्मों के फूल समान भाव से खिलेंगे, वहीं अब हमें मिलकर एक ऐसा राजस्थान बनाना है जहां हमारी बेटियां बेखौफ़ अपना बचपन जी सकें, हमारी बहनें बिना किसी बाधा के अपने सपने पूरे कर सकें और हमारी माताएं सम्मान के साथ सिर ऊंचा करके चल सकें.