बड़ी चूक! आगरा जा रही ट्रेन को मिला गलत सिग्नल, 110 किमी की स्पीड में ड्राइवर ने लगाए ब्रेक…टला बड़ा हादसा

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में बड़ा ट्रेन होने से बाल-बाल बच गया। ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। यह…

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भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में बड़ा ट्रेन होने से बाल-बाल बच गया। ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। यह घटना रविवार की है, लेकिन इसका मामला अब सामने आया है। जानकारी के अनुसार, बयाना के स्टेशन मास्टर ने बांद्रा-गोरखपुर (होली-डे स्पेशल) ट्रेन को आगरा जाने के बजाय भरतपुर जाने के लिए सिग्नल दे दिया। ट्रेन के ड्राइवर को जैसे ही गड़बड़ी की आशंका हुई तो उसने तत्काल रेलवे के उच्चाधिकारियों को मामले में अवगत कराते हुए ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका।

करीब 110 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन के अचानक रुकने से यात्रियों में हड़कंप मच गया। स्टेशन मास्टर की गलती के कारण ट्रेन करीब 30 मिनट तक रुकी रही। वहीं बयाना स्टेशन के स्टेशन मास्टर ब्रदी प्रसाद मीणा ने घटना से इनकार किया है।

जानकारी के अनुसार, गाड़ी संख्या 05054 बांद्रा-गोरखपुर होली डे स्पेशल ट्रेन मुंबई से चलकर गोरखपुर जा रही थी। दोपहर में कोटा से गंगापुर रुकने के बाद ट्रेन आगरा के लिए रवाना हुई। रेलवे अफसरों के अनुसार, ट्रेन को बयाना से होकर आगरा की ओर जाना था, लेकिन स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को भरतपुर की ओर ले जाने के सिग्नल दे रखे थे। जब ट्रेन बयाना रेलवे स्टेशन के करीब पहुंचने वाली थी, तभी ड्राइवर ने देखा कि ट्रेन को गलत सिग्नल दे रखे है। इस पर ट्रेन के ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगा दिए। यह घटना रविवार शाम की है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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ट्रेन में थे 1500 से ज्यादा यात्री, एक गलती पड़ सकती थी भारी…

बता दें कि जब भी ट्रेन नान स्टाप दौड़ती है तो उसकी स्पीड 100 से 110 के बीच होती है। एक ट्रेन में 22 से 24 कोच होते हैं। एक कोच में करीब 70 यात्री सवार होते हैं। इस हिसाब से होली डे ट्रेन में 1500 से 1800 यात्री होंगे। जिस समय स्टेशन मास्टर ने गलत सिग्नल दिया था उस समय डाउन लाइन पर मालगाड़ी आने का समय था। अगर ट्रेन गलत ट्रैक पर चली जाती और आगे चल रही किसी गाड़ी से टकरा जाती तो बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन ड्राइवर की सूझबूझ से घटना टल गई।

प्रथमदृष्टया स्टेशन मास्टर की सिग्नल देने में गलती…

रेलवे के नियमानुसार स्टेशन मास्टर को पैनल बोर्ड पर ट्रेन की लोकेशन देखने के बाद सिग्नल देने चाहिए थे। प्रथमदृष्टया घटना के पीछे स्टेशन मास्टर की गलती सामने आ रही है। गलत सिग्नल देने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला यह है कि ज्यादा शायद स्टेशन मास्टर से भूलवश यह गलती हुई हो। या फिर वर्कलोड होने की वजह से गलत बटन दबा दिया होगा।

आगरा जाने वाली 2 ट्रेन खड़ी रहीं…

प्लेटफार्म संख्या -3 पर खड़ी 19037 बांद्रा-गोरखपुर अवध एक्सप्रेस को आगरा के लिए रवाना किया गया। इसके बाद हॉलीडे स्पेशन ट्रेन को आगरा जाने के सिग्नल दिए। साथ ही प्लेटफार्म संख्या-1 पर कोटा-आगरा फोर्ट पैसेंजर ट्रेन 2 घंटे तक खड़ी रही। हॉलीडे स्पेशन ट्रेन के बाद आगरा फोर्ट ट्रेन को रवाना किया।

3 ट्रेनों के बीच हुई भीषण भिड़ंत में 233 यात्रियों की मौत

बता दें कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर में बहानागा स्टेशन के पास 3 ट्रेनों के बीच हुई भीषण भिड़ंत में 230 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं, 900 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हर तरह सिर्फ चीख-पुकार और दर्द से कर्राह रहे लोगों की आवाज सुनाई दे रही थी। हादसा इतना भीषण था कि मालगाड़ी से टकराने के बाद स्लीपर के 3 कोच छोड़कर बाकी के डिब्बे पटरी से उतर गए।

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