छात्रसंघ चुनाव को लेकर अब छात्र राजनीति से निकले मंत्रियों से छात्र नेताओं ने लगाई गुहार, मिला आश्वासन

राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रविवार को भी राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं का धरना जारी है।

Harish Chaudhary

Student Union Election : जयपुर। राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रविवार को भी राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं का धरना जारी है। इससे पहले छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका खारिज होने के बाद शनिवार को छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्षों से चुनाव करवाने की मांग को लेकर गुहार लगाई। इस पर मंत्री और विधायकों ने भी छात्रों की मांग का समर्थन कर मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर पुनर्विचार की मांग की।

डॉ. रामसिंह सामोता ने बताया कि शनिवार को राजस्थान विश्वविद्यालय और प्रदेश के विश्वविद्यालयों से छात्र राजनीति से निकले मंत्रियों व विधायकों से मुलाकात कर छात्र संघ चुनाव करवाने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री महेश जोशी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन से मुलाकात की

पूर्व मंत्री चौधरी ने कहा कि चुनाव की रोक पर मुख्यमंत्री गहलोत को पुनर्विचार करना चाहिए। प्रदेश के युवा नेतृत्व को मजबूती देने के लिए चुनाव करवाएं। वहीं, चुनाव की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में 7वें दिन भी धरना जारी रहा। इस दौरान से छात्र नेता नीरज खीचड़, महेश चौधरी, हरफूल, मोहित यादव, गोविन्द मलिंडा सहित कई छात्र नेता मौजूद रहे।

पायलट से भी मिले छात्र नेता

Sachin Pilot 1 | Sach Bedhadak

वहीं, शनिवार रात उत्तम चौधरी समेत कई छात्र नेता राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आवास पर पहुंचे। जहां पर प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात कर छात्रसंघ चुनाव कराने की माग रखी । जिस पर पायलट ने आश्वासन दिया कि वो इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

राजस्थान हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका खारिज

प्रदेश में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया गया। सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने अधिवक्ता शांतनु पारीक की ओर से दायर याचिका पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह पब्लिक इंटरेस्ट पिटिशन न होकर पब्लिकेशन इंटरेस्ट पिटिशन है। इसमें जनहित का क्या है? इसका जवाब याचिकाकर्ता नहीं दे सके। तब पीठ ने कहा कि अगर इस याचिका को वापस नहीं लिया गया तो इसे हर्जाने के साथ खारिज किया जाएगा।

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