खांसी बनी जी का जंजाल, SMS में रोज पहुंच रहे हैं 700 मरीज, घातक है ये वायरस

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में बुखार-जुकाम और खांसी के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह केस और बढ़ सकते हैं।

cough case | Sach Bedhadak

राजस्थान में मौसम के करवट लेते ही लोग मौसमी बीमारियों में चपेट में आने लगे हैं। बुखार, जुकाम और गले में खराश के साथ खांसी से मरीजों का बुरा हाल हो रहा है। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल (SMS Hospital) की ओपीडी में मरीजों की लाइन लगी है। बुखार-जुकाम तो 4 से 5 दिन में ठीक हो जा रहा है, लेकिन सूखी खांसी को ठीक होने में 15 से 20 दिन का वक्त लग रहा है। कुछ को खांसी के दौरान उल्टियां भी हो रही हैं। ये खांसी किस वायरस के कारण हो रही है, इसकी अभी तक पहचान नहीं हुई है।

खांसी ठीक होने में लग रहे हैं हफ्तों

राजस्थान में सर्दी कम होते ही बुखार-जुकाम और खांसी के मरीज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में इस तरह के करीब 700 मरीज रोज पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि जो भी मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं उनसे 10 में से 3 मरीज ऐसे होते हैं जो खांसी से खासा परेशान हैं। बुखार-जुकाम तो 4 से 5 दिन में ठीक हो जा रहा है, लेकिन खांसी कई हफ्तों तक ठीक नहीं हो रही है।

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डॉक्टर्स के मुताबिक, मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों में ज्यादातर मामले H3N2 और उससे मिलते अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के होते हैं। अब जो मरीज आ रहे हैं, उनमें इस तरह का वायरस डिटेक्ट नहीं हो रहा है।

कोविड और वायरस के रिपोर्ट भी नेगेटिव

बुखार-जुकाम और खांसी के जो भी मरीज आ रहे हैं उनकी कोविड समेत दूसरे वायरस की रिपोर्ट भी नेगेटिव आ रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक, आमतौर पर इन कॉमन वायरस के केस में मरीज को एक से डेढ़ हफ्ते का समय ठीक होने में लगता है। अब जो केस आ रहे हैं, उसमें खांसी इतनी जबरदस्त है कि मरीज की पसिलयों और छाती में दर्द शुरू होने के साथ खांसते-खांसते उल्टियां होने लगती है।

मरीजों में हो सकती है बढ़ोत्तरी

एसएमएस के डॉक्टर्स का कहना है कि जैसे-जैसे सर्दी कम हो रही है वैसे-वैसे खांसी-बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा होगा। इस बीच सूखी खांसी वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। अभी इस तरह के मरीजों को एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ रही है, क्योंकि उनके लंग्स में ज्यादा कोई इंफेक्शन डिटेक्ट नहीं हो रहा है।

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