बैशाख में सावन जैसी झड़ी,अप्रैल के अंत में झमाझम, कई जगह गिरे ओले, बिजली गिरने से एक मौत

प्रदेशभर में रविवार को भी पश्चिमी विक्षोभ का असर जारी रहा। इसके चलते राजधानी समेत प्रदेश की अधिकतर जगहों पर दिनभर आंधी बारिश का दौर चला।

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Weather Update : जयपुर। प्रदेशभर में रविवार को भी पश्चिमी विक्षोभ का असर जारी रहा। इसके चलते राजधानी समेत प्रदेश की अधिकतर जगहों पर दिनभर आंधी बारिश का दौर चला। कई इलाकों में बारिश के साथ चने के आकार के ओले भी गिरे। प्रदेशवासियों को बरसात के चलते गर्मी में भी ठंडक का अहसास कर दिया। राज्य में अधिकांश स्थानों का तापमान 35 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा राज्य में अधिकतर जगह दिन का तापमान सामान्य से 8 से 13 डिग्री तक नीचे पहुंच गया। दूसरी तरफ किसी भी जगह का रात का तापमान 25 डिग्री को पार नहीं कर पाया। 

इधर झालावाड़ में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की मौत भी हो गई। फलौदी में 35.6 एमएम बरसा पानी प्रदेश में रविवार को सर्वाधिक बरसात जोधपुर के फलौदी में 35.6 एमएम दर्ज हुई। करौली में 7.5 मिमी, कोटा में 6 एमएम, जयपुर में 5.2 एमएम, सीकर में 4 एमएम के अलावा अजमेर में 2.6 एमएम बारिश दर्ज हुई। आज कई जगह अलर्ट सोमवार को बांसवाड़ा, बारां, डूंगरपुर, झालावाड़, प्रतापगढ़, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर और जालौर के अलावा सभी जगह बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी है। इधर विभाग ने आंधी, बारिश और ओले गिरने की गतिविधियां 4 मई तक जारी रहने की संभावना जताई है। 

बूंदी और टोंक में ओले… 

फसल खराब टोंक और बूंदी समेत प्रदेश के कई इलाकों में रविवार को भी बारिश के साथ ओले गिरे। इधर टोंक के देवली उपखंड क्षेत्र में करीब डेढ़ घंटे तक तेज बारिश के साथ चने के आकार के ओले गिरे। ओलावृष्टि से यहां खेतों में सब्जियां खराब हो गई। यहां शाम के वक्त चली ठंडी हवाओं ने लोगों को हल्की ठिठुरन का अहसास कराया। 

दिनभर हुई बरसात 

राजधानी में सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। दोपहर बाद मौसम ने पलटी खाई और देखते ही देखते चारों तरफ बरसात होने लगी जो शाम तक चलती रही। राजधानी में कई जगहों पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यहां अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री के अलावा न्यूनतम तापमान 23.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

दो साइक्लोनिक सिस्टम से मौसम में परिवर्तन

भारतीय मौसम केंद्र के अनुसार राजस्थान के आसपास बने दो साइक्लोनिक सिस्टम बनने से मौसम परिवर्तन की गतिविधियां हो रही हैं। इनमें पहला सिस्टम पाकिस्तान में तो दूसरा सिस्टम दक्षिणी राजस्थान में एमपी गुजरात की सीमा पर बना है, जिसकी वजह से अरब सागर से नमी मिल रही है। इन गतिविधियों का असर मंगलवार तक जारी रहेगा। 

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