बाघों के बाद भालू का पुनर्वास, माउंट आबू से दो भालुओं को सरिस्का में किया शिफ्ट

सरिस्का बाघ परियाेजना में अब बाघाें के साथ पर्यटकों काे भालू भी नजर आएंगे। यहां माउंट आबू के भालू वन्य अभयारण्य की शान बढ़ाते नजर…

Rehabilitation of bears after tigers, two bears shifted from Mount Abu to Sariska

सरिस्का बाघ परियाेजना में अब बाघाें के साथ पर्यटकों काे भालू भी नजर आएंगे। यहां माउंट आबू के भालू वन्य अभयारण्य की शान बढ़ाते नजर आएंगे। बता दें कि माउंट आबू पर्वत क्षेत्र में लगातार भालुओं का कुनबा बढ़ रहा है। आबू के आबादी क्षेत्रों में भी कई बार भालुओं का आवागमन बड़ी आसानी से आम लोगों को दिखाई दे जाता है। भालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरिस्का व माउंट आबू के वन विभाग ने एक नया प्रयोग किया है। 

सरिस्का वन विभाग की टीम ने माउंट आबू पर्वत इलाके से एक मादा और एक नर भालू काे ट्रंकुलाइज किया। माउंट आबू से लाए गए भालूओं काे देर रात तालवृक्ष रेंज में बनाए गए एनक्लाेजर में छाेड़ दिया गया। मादा भालू काे सड़क मार्ग से सरिस्का जंगल तक लाया गया। इस भालू को पशु चिकित्सक एवं वन्यजीव अनुसंधान संस्थान देहरादून के विशेषज्ञाें की निगरानी में रखा गया है। 

माउंट आबू के उप वन संरक्षक विजय सिंह बताया कि सरिस्का के मुख्य वन संरक्षक आर मीणा सहित उप वन संरक्षक अरुण कुमार, सहायक वन संरक्षक पंकज कुमार मीणा, वरिष्ठ पशु चिकित्सक अरविंद माथुर, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. डी.डी. मीणा के साथ माउंट आबू के स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम ने यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। गुरुवार देर रात दोनों भालुओं को ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का भेजा गया। 

चार भालू लाने की योजना 

आबू पर्वत से लाई गई मादा भालू काे आधुनिक तकनीकी का सैटेलाइट सिग्नल वाला रेडियो कॉलर लगाया गया है। इससे उसकी बेहतर मॉनिटरिंग हाे सकेगी। सरिस्का में कुल 4 भालू लाए जाने हैं। इनमे दाे नर एवं दाे मादा भालू हाेंगे। पहले चरण में नर एवं एक मादा भालू को सफलतापूर्वक शिफ्ट कर दिया गया है। दूसरे चरण में एक वयस्क नर एवं वयस्क मादा भालू लाने का प्रयास हाेगा।

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