गांधी परिवार की वो अपराजित नेता जिसने 2 बार दिलाई कांग्रेस को सत्ता, पति की मौत के बाद रखा सियासत में कदम

Sonia Gandhi: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा जाएंगी जिसके लिए बुधवार को उन्होंने जयपुर में राजस्थान विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया.…

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Sonia Gandhi: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा जाएंगी जिसके लिए बुधवार को उन्होंने जयपुर में राजस्थान विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया. सोनिया गांधी अब कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रायबरेली सीट से मैदान में नहीं उतरेगी. वह अब राज्यसभा से कांग्रेस की सियासत करती हुई दिखाई देंगी. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद गांधी परिवार से राज्यसभा जाने वाली सोनिया गांधी दूसरी महिला होंगी.

सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने को लेकर कई वजहें बताई जा रही है जिनमें उनका स्वास्थ्य, राजस्थान में कमजोर हुई कांग्रेस और वहीं रायबरेली से अपनी बेटी प्रियंका गांधी के लिए राहें खोलना भी शामिल है. दरअसल सोनिया गांधी ने देश की राजनीति में करीब ढाई दशक हो गए जहां अपने पति राजीव गांधी की मौत के बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री ली थी. वहीं सोनिया ने करीब दो दशकों तक कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली जहां अपने नेतृत्व से उन्होंने कांग्रेस की 2 बार सत्ता में वापसी करवाई.

बता दें कि गांधी परिवार की अजेय रहने वाली सोनिया गांधी इकलौती नेता हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कभी भी हार का सामना नहीं किया. ऐसे में अब जब सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति यानि लोकसभा से संन्यास ले रही है तो आइए जानते हैं कैसा रहा सोनिया गांधी का सफर और अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने कैसे कांग्रेस को फिर से जीवित करने का काम किया.

10 साल तक कांग्रेस को सत्ता में रखा

सोनिया गांधी का सियासी सफर कई उतार-चढ़ाव भरा रहा जहां पूर्व पीएम राजीव गांधी की मौत के बाद उन्होंने राजनीति में कभी नहीं आने का मन बनाया था लेकिन पार्टी नेताओं के कहने के बाद और पतन में जाती कांग्रेस के हालात देखकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा. वहीं सोनिया ने अपने अध्यक्षी कार्यकाल में कांग्रेस को फिर से जिंदा करने का काम किया और 10 साल तक देश की सत्ता में कांग्रेस को बिठाया.

सोनिया का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली में हुआ जहां वह राजीव गांधी से शादी करने के बाद भारत आई. वहीं शादी के कुछ ही सालों बाद उन्हें एक बड़ा झटका लगा जहां 1991 में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई. राजीव की मौत के बाद सोनिया गांधी के जीवन ने अलग मोड़ ले लिया जहां उन्होंने गांधी परिवार और कांग्रेस की कमान अपने हाथों में ली और धीरे-धीरे कर कांग्रेस का पूरा खाका बदला और फिर से पार्टी को जिंदा करने का काम किया.

1997 में सोनिया की हुई कांग्रेस में एंट्री

सोनिया कांग्रेस पहली बार कांग्रेस के अधिवेशन में 1997 में दिखाई दी जहां उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और 62 दिन बाद वह पार्टी की अध्यक्ष बनाई गई और लगातार 2017 तक वह पार्टी के मुखिया के पद पर रही. सोनिया ने पहली बार 1999 का लोकसभा चुनाव लड़ा जहां उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तरप्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह जीत हासिल की. वाजपेयी सरकार में विपक्ष की भूमिका में रहने के दौरान सोनिया गांधी ने कांग्रेस को सत्ता में लाने की रणनीति बनाई और फिर अपनी पार्टी की सत्ता में वापसी करवाई.

इसके बाद 2004 में सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा जहां से वह लगातार सांसद रही है. 2004 में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो सोनिया के प्रधानमंत्री बनने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन उन्होंने पीएम पद की कुर्सी छोड़कर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनावों में सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने 1991 के बाद पहली बार 200 से ज्यादा सीटें हासिल की थी.

कभी चुनाव नहीं हारी सोनिया गांधी

बता दें कि देश में 2014 में मोदी लहर थी लेकिन सोनिया गांधी 2014 और 2019 का लोकसभा दोनों जीतने में कामयाब रही. एक तरह से देखें तो सोनिया गांधी 1999 से लेकर 2019 तक लगातार लोकसभा सांसद रही है. गांधी परिवार के हर सदस्य ने कभी ना कभी चुनावी हार का सामना किया है लेकिन सोनिया गांधी अभी तक अपराजित रही है.

वहीं नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ऐतिहासिल रूप से लोकसभा से ही देश की राजनीति करते आए हैं लेकिन यह पहली बार होगा जब सोनिया गांधी संसद के अपर हाउस में जाएंगी. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राज्यसभा जाने वाली गांधी परिवार की पहली सदस्य थी.