राजस्थान की बेटी ने विदेशों में छोड़ी छाप, PM मोदी और CM गहलोत भी कर चुके हैं तारीफ, 12 साल की उम्र से कर रही चित्रकारी

जिस व्यक्ति के अंदर हुनर होता है, वह किसी पहचान का मोहताज नहीं होता। इस परिभाषा को सच कर दिखाया है राजस्थान के करौली जिले…

Rajasthan's daughter rishika left an impression in foreign countries, PM Modi and CM Gehlot have also praised, painting since the age of 12

जिस व्यक्ति के अंदर हुनर होता है, वह किसी पहचान का मोहताज नहीं होता। इस परिभाषा को सच कर दिखाया है राजस्थान के करौली जिले के श्री महावीर जी की रहने वाली ऋषिका शर्मा ने। जिसने अपनी चित्रकारी के दम पर न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी नाम कमाया है। ऋषिका ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ पोट्रेट आर्ट पर भी ध्यान दिया। उनके बनाए आर्ट लोगों द्वारा इतने पसंद किए गए कि, विदेशों में वह अपनी पहचान बना चुकी है। 

पीएम मोदी ने की तारीफ 

ऋषिका की पेंटिग्स की लोगों ने खूब सराहना की है। इतना ही नहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी चित्रकारिता की तारीफ कर चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री और कई अभिनेताओं ने भी उनके आर्ट को सराहा है। 

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मिल चुके कई अवार्ड्स 

ऋषिका को अपने हुनर के लिए अब तक कई अवार्ड्स मिल चुके हैं। वह 10 से अधिक इंटरनेशनल और नेशनल अवार्ड हासिल कर चुकी है। बता दें कि ऋषिका का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। उनके पिता डॉ विजय कुमार झा श्री महावीर जी के एक म्यूजियम में कार्य करते हैं। जबकि उनकी मां डैनी रानी एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है। ऋषिका के एक भाई है, जो कंपटिशन एग्जाम्स की तैयारी कर रहा है। 

कई घरों की शोभा बढ़ा रही ऋषिका की पेंटिंग्स 

ऋषिका युवाओं के बीच किसी मिसाल से कम नहीं है, जिसने बहुत कम उम्र में एक अलग मुकाम हासिल किया है। ऋषिका का कहना है कि उनकी बनाई पेंटिग्स भारत के अलावा विदेशों में भी बिक रही है। उनकी चित्रकारी विश्व के कई घरों की शोभा बढ़ा रही है। वह कहती है कि साधारण व्यक्तियों के चित्र बनाना उन्हें अधिक पसंद है। 

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बहुत कम उम्र से बना रही पेंटिग्स 

ऋषिका 12 साल की उम्र से पेटिंग्स बना रही है। चित्र कला की तरफ उनका रुझान इस समय बढ़ा जब बिहार के मधुबनी में वर्ल्डफेमस मिथिला पेंटिंग बन रही थी। इसे बनते देख ऋषिका ने भी पोट्रेट आर्ट में करिअर बनाने की ठानी। इसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में उन्होंने ग्रेजुएशन में दाखिला लिया। इस दौरान उन्होंने अपने शौक को गंभीर रूप से लेना शुरू कर दिया। 

मेहनत ही सफलता की कुंजी

ऋषिका एक पोट्रेट आर्टिस्ट है। उन्हें लोगों के चित्र बनाना अच्छा लगता है। इसीलिए उन्होंने अपना विषय भी पोट्रेट आर्ट चुना। उनका कहना है कि एक आर्टिस्ट को आर्ट में महारत हासिल करने के लिए किसी असाधारण प्रतिभा के साथ पैदा होने की जरूरत नहीं है, बल्कि आज के युवा चित्रकारों को यह समझना होगा कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है। 

रिपोर्ट- सागर शर्मा

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